एक शाम तुम मुझ को मिलना
जब सूर्य बढ़ रहा हो पूर्व से पश्चिम की ओर
तुम बढ़ना मेरी तरफ करने मेरी प्रतिक्षाओं का अन्त
तुम देखना हमारी स्मृतियां सूर्य के प्रतिबिम्ब में
जो वो लिए जा रहा है संग अपने
अगर तुम चाहो तो छीन लाना हमारी स्मृतियां सूर्य से
और दे देना मुझे मिलाकर अपने हिस्से की यादें
कर देना मेरी प्रतिक्षाओं का अंत