White तुम बिन संगीत का हर सुर बेसुरा लगता है
ग़र तुम साथ हो तो हर पल अपना लगता है
नयनों से मिलते जब नयन तुम्हारे
क्या करूं होता सच है फिर भी सपना लगता है
न जाने क्यूं तेरे पीछे जाता है आशिक़-ए-दिल मेरा
पूंछू अगर तो बताता नहीं है
है इश्क़ तुमसे पर जताता नहीं है
इज़हार करने से डरता है
कि ग़र तुम रूठ गई तो कैसे मनाएगा
अपनी धड़कन तुम्हे न सुना पाएगा।
©Amit Singhal
#sad_shayari