इस जहा को जब सबसे ज्यादा राहत की जरूरत थी, उसी समय
"इस जहा को जब सबसे ज्यादा राहत की जरूरत थी,
उसी समय हमारे "राहत" जी चले गए😣
ज़िन्दगी जीने का भी सबका अपना एक दायरा है,
लगता है ख़ुदा की महफ़िल में भी आज मुशायरा है,"
इस जहा को जब सबसे ज्यादा राहत की जरूरत थी,
उसी समय हमारे "राहत" जी चले गए😣
ज़िन्दगी जीने का भी सबका अपना एक दायरा है,
लगता है ख़ुदा की महफ़िल में भी आज मुशायरा है,