Part 1 माँ -बाप की लाडली बेटी , कब हो गई इतनी बड़ी

"Part 1 माँ -बाप की लाडली बेटी , कब हो गई इतनी बड़ी , समय पंख लगा कर निकला, आज वह दुल्हन बन कर खड़ी । कलेजे के टुकड़े को आज, सौप देना है किसी ओर के हाथ, यही है रीत इस दुनिया की, मन पर पत्थर रख करने है सब काज । नम आँखे उनकी बोल रही है जैसे, लाड़-प्यार से पाला जिसको, कोई दुख ना छू पाए इसको, बन्द होठ बोले बिना इसके जियँगे हम कैसे ।"

 Part 1
माँ -बाप की लाडली बेटी ,
कब हो गई इतनी बड़ी ,
समय पंख लगा कर निकला,
आज वह दुल्हन बन कर खड़ी ।
 
कलेजे के टुकड़े को आज,
सौप देना है किसी ओर के हाथ,
यही है रीत इस दुनिया की,
मन पर पत्थर रख करने है सब काज ।

नम आँखे उनकी बोल रही है जैसे,
लाड़-प्यार से पाला जिसको,
कोई दुख ना छू पाए  इसको,
बन्द होठ बोले बिना इसके जियँगे हम कैसे ।

Part 1 माँ -बाप की लाडली बेटी , कब हो गई इतनी बड़ी , समय पंख लगा कर निकला, आज वह दुल्हन बन कर खड़ी । कलेजे के टुकड़े को आज, सौप देना है किसी ओर के हाथ, यही है रीत इस दुनिया की, मन पर पत्थर रख करने है सब काज । नम आँखे उनकी बोल रही है जैसे, लाड़-प्यार से पाला जिसको, कोई दुख ना छू पाए इसको, बन्द होठ बोले बिना इसके जियँगे हम कैसे ।

#Woman

People who shared love close

More like this

Trending Topic