वह तिथि कि जब स्वयं आदि-अनादि, चर-अचर एवं काल चक

"वह तिथि कि जब स्वयं आदि-अनादि, चर-अचर एवं काल चक्र से परे, नियति-नियंता, अनंत स्वरूप भगवान अपनी समस्त कलाओं के साथ अवतरित हुए कितनी पवित्र होगी! अकल्पनीय है। भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की आपको अनंत शुभकामनाएं। शुभेच्छु आशीष आशीष ©Er Writer Fauji Ashish"

 वह तिथि 
कि जब स्वयं 
आदि-अनादि, चर-अचर एवं काल चक्र से परे, 
नियति-नियंता, अनंत स्वरूप भगवान  
अपनी समस्त कलाओं के साथ
 अवतरित हुए 
कितनी पवित्र होगी! 
अकल्पनीय है। 

भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि 
 श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

की आपको अनंत शुभकामनाएं। 

शुभेच्छु 
आशीष आशीष

©Er Writer Fauji Ashish

वह तिथि कि जब स्वयं आदि-अनादि, चर-अचर एवं काल चक्र से परे, नियति-नियंता, अनंत स्वरूप भगवान अपनी समस्त कलाओं के साथ अवतरित हुए कितनी पवित्र होगी! अकल्पनीय है। भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की आपको अनंत शुभकामनाएं। शुभेच्छु आशीष आशीष ©Er Writer Fauji Ashish

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