सखा सुदर्शन, स्नेह का सम्बल,
मित्र मेरे जीवन का अमृत फल।
विपदा में जो बने संजीवनी,
सुख-दुख का साथी, अमर कहानी।
वात्सल्य की मूरत, हृदय का रत्न,
उसकी निश्छलता, अद्वितीय रत्न।
साथ बिताए पल, अमूल्य निधि,
उसके बिना जीवन, जैसे अर्ध विद्या।
अनमोल मित्र, अटल विश्वास,
उसकी मित्रता, अनुपम परिहास।
हृदय में बसा, वो सच्चा मीत,
उसकी बिना, जीवन अधूरा गीत।
©kbkiranbisht
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