मन लगा है या खुद को बहला रही हूँ मैं जो भी हैं,अब | हिंदी कविता

"मन लगा है या खुद को बहला रही हूँ मैं जो भी हैं,अब ठीक हुँ मैं जिंदा हुँ या बस साँस ले रही हूँ मैं जो भी हैं, ठीक हुँ मैं परवाह हैं सबको मगर किन् हालातो से गुजर रही किसी को फ़िक्र नही फिर भी ठीक हुँ मैं कोई साथ दे या ना दे माँ बाप हमेशा साथ है अफ़सोस इसका भी अपवाद हुँ मैं लेकिन अब ठीक हुँ मैं खवाब, खवाहिश, हसरतें मर चुके सब फिर भी ठीक हुँ मैं जिसने सात जन्मो तक साथ चलने का वादा किया वो कुछ अरसों में ही परेशान हो गया चलो फिर भी ठीक हुँ मैं इन सब के बाद भी हर एक अपने के लिए बुरी हुँ मैं चलो ये भी सही मगर जो भी है बस अब ठीक हुँ मैं ©Lata (dill-ke-zazbat)"

 मन लगा है
 या खुद को बहला रही हूँ मैं
जो भी हैं,अब ठीक हुँ मैं
जिंदा हुँ 
या बस साँस ले रही हूँ मैं
जो भी हैं, ठीक हुँ मैं 
परवाह  हैं सबको
 मगर किन् हालातो से गुजर रही
 किसी को फ़िक्र नही
फिर भी  ठीक हुँ मैं 
कोई साथ दे या ना दे
 माँ बाप  हमेशा साथ है
अफ़सोस इसका भी अपवाद हुँ मैं
लेकिन अब ठीक हुँ मैं
खवाब, खवाहिश, हसरतें मर चुके सब
फिर भी ठीक हुँ मैं
जिसने सात जन्मो तक साथ चलने का वादा किया वो कुछ अरसों में ही परेशान हो गया
चलो फिर भी ठीक हुँ मैं
इन सब के बाद भी 
हर एक अपने के लिए 
 बुरी हुँ मैं
चलो ये भी सही मगर 
 जो भी है बस अब ठीक हुँ मैं

©Lata (dill-ke-zazbat)

मन लगा है या खुद को बहला रही हूँ मैं जो भी हैं,अब ठीक हुँ मैं जिंदा हुँ या बस साँस ले रही हूँ मैं जो भी हैं, ठीक हुँ मैं परवाह हैं सबको मगर किन् हालातो से गुजर रही किसी को फ़िक्र नही फिर भी ठीक हुँ मैं कोई साथ दे या ना दे माँ बाप हमेशा साथ है अफ़सोस इसका भी अपवाद हुँ मैं लेकिन अब ठीक हुँ मैं खवाब, खवाहिश, हसरतें मर चुके सब फिर भी ठीक हुँ मैं जिसने सात जन्मो तक साथ चलने का वादा किया वो कुछ अरसों में ही परेशान हो गया चलो फिर भी ठीक हुँ मैं इन सब के बाद भी हर एक अपने के लिए बुरी हुँ मैं चलो ये भी सही मगर जो भी है बस अब ठीक हुँ मैं ©Lata (dill-ke-zazbat)

😉#dillkezazbat #ThikHuMai

#mukhota

People who shared love close

More like this

Trending Topic