तेरी जुस्तजू थी मुझे
पर तू ना मिला
इश्क़ का रोग लगा कर
न जाने तू कहाँ गया
वादा था तुमसे
ख़्वाबों में मिलने का
वो वादा भी अब तक
पूरा हुआ नहीं
बुरा हाल है
मेरे दिल के जज़्बात का
तन्हा अकेला तेरे इंतज़ार में
रहती हूँ खडी़ मैं यहाँ
©Prabhat Kumar
#प्रभात