दिल बीमार हैं तो क्या हुआ जमीर तो जिंदा हैं।
तू मायूस ना होना अभी तेरा आशिक़ तो जिंदा हैं।
मौत का क्या हैं कल आती हो आज आ जाए,
तेरा मेरा जो चर्चा कल था वो आज भी ज़िंदा है
हर आदमी है चलता फिरता लाश लेकिन,
हर आदमी में आज भी एक आशिक़ ज़िंदा है।
और तेरे दिल का तू जाने,
पर मेरे दिल में तेरा खयाल आज भी ज़िंदा है।
हमारा मर जाना लाख बेहतर है किसी और का होने से,
पर वो किसी और का होकर आज भी ज़िंदा हैं।
सारे शौक मार लिए उसके बाद हमने लेकिन,
हा उस पर ग़ज़ल लिखने का शौक आज भी ज़िंदा है।
©Abhishek Yadav
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