लाखों सपने जला कर भी सर्दी सताती है और मैं गैरों | हिंदी Poetry Video

"लाखों सपने जला कर भी सर्दी सताती है और मैं गैरों से शिकायत करता रहा कमबख्त जलाने वाले हाथ ही अपने ही थे..... ©VIJAY PRATAP "

लाखों सपने जला कर भी सर्दी सताती है और मैं गैरों से शिकायत करता रहा कमबख्त जलाने वाले हाथ ही अपने ही थे..... ©VIJAY PRATAP

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