मन मेरा मदमस्त, उन्मादी हो जाए कैसे भी, अगर हमारी | हिंदी Shayari

"मन मेरा मदमस्त, उन्मादी हो जाए कैसे भी, अगर हमारी शादी हो जाए।। मैं तो डूब चुका हूँ पूरा, तेरी लत में ओ सजनी अब तू भी जरा सी मेरी आदी हो जाए।। ©SRIJAN"

 मन मेरा मदमस्त, उन्मादी हो जाए
कैसे भी, अगर हमारी शादी हो जाए।। 
मैं तो डूब चुका हूँ पूरा, तेरी लत में ओ सजनी
अब तू भी जरा सी मेरी आदी हो जाए।।

©SRIJAN

मन मेरा मदमस्त, उन्मादी हो जाए कैसे भी, अगर हमारी शादी हो जाए।। मैं तो डूब चुका हूँ पूरा, तेरी लत में ओ सजनी अब तू भी जरा सी मेरी आदी हो जाए।। ©SRIJAN

#Marriage

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