ये आँखे हर रोज़ एक बुनती है हर जगह बस तेरा ही चे | हिंदी शायरी

"ये आँखे हर रोज़ एक बुनती है हर जगह बस तेरा ही चेहरा चुनती है तेरी बाहों में ही रातें ढले तो सुबह उठ बस तूझे ही ढूंढ़ती है ©shayrana man"

 ये आँखे हर रोज़
 एक बुनती है
हर जगह बस 
तेरा ही चेहरा चुनती है
तेरी बाहों में ही 
रातें ढले 
तो सुबह उठ
 बस तूझे ही ढूंढ़ती है

©shayrana man

ये आँखे हर रोज़ एक बुनती है हर जगह बस तेरा ही चेहरा चुनती है तेरी बाहों में ही रातें ढले तो सुबह उठ बस तूझे ही ढूंढ़ती है ©shayrana man

#together

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