"अन्धेरी रातो में ही चान्द खुबसूरत नही होता चान्द तो दिन के उजाले में भी चमकता है
बस सामने वाले के नजरिये पर सब निर्भर करता है
दूर से देखने पर तो रेत के दरिये में भी पानी का तलाब नज़र आने लगता है
बस सामने वाले के विचारो पर सब निरभर करता है
©Rajput writes"