कर्म क्या है और कर्म कैसा होना चाहिए? हम जो करते हैं, केवल वही हमारे कर्म नहीं होते बल्कि हम जो सोचते हैं, या जो कहते हैं वह सब हमारे कर्म ही होते हैं, कहते हैं इस संसार को हम जो भी देते हैं, वह किसी ना किसी रूप मैं वापस हमारे पास ही आता है, इस प्रकार हमारा कर्म ही हमारा भाग्य तय करता है,|
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MUKESH SHARMA