हर सांझ मुंडेर पर बैठी करती हूं उसका इंतजार ... | हिंदी कोट्स Video

"हर सांझ मुंडेर पर बैठी करती हूं उसका इंतजार ... नहीं सुनाई देती है मुझे उस घोंसले से आवाज़ .. .. इंतजार और भी बेसब्री से ...सांझ से सांझ ढल जाती है .. रात की दस्तक के कुछ क्षण पहले .. उड़ती हुई मेरे नजरों को देख .. अपनी नजरों से कह जाती है .. . सुबह मिलना दिन के उजालों में .. रात में हमें आजादी की तलब नहीं मिलती .. उसकी बातें सुनकर मैं भी हो जाती हूं मौन ... ढलते सांझ में मुझे भी आजादी कहा मिलती ??? ©कंचन "

हर सांझ मुंडेर पर बैठी करती हूं उसका इंतजार ... नहीं सुनाई देती है मुझे उस घोंसले से आवाज़ .. .. इंतजार और भी बेसब्री से ...सांझ से सांझ ढल जाती है .. रात की दस्तक के कुछ क्षण पहले .. उड़ती हुई मेरे नजरों को देख .. अपनी नजरों से कह जाती है .. . सुबह मिलना दिन के उजालों में .. रात में हमें आजादी की तलब नहीं मिलती .. उसकी बातें सुनकर मैं भी हो जाती हूं मौन ... ढलते सांझ में मुझे भी आजादी कहा मिलती ??? ©कंचन

#BlueEvening

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