किसी इश्क़ के हम-ओ-ख्याल थे हम भी कभी बा-कमाल
तेर | हिंदी Shayari
"किसी इश्क़ के हम-ओ-ख्याल थे हम भी कभी बा-कमाल
तेरी खुशबू मुझ पे एहसान-ए-हवा
गुफ्तगू-ए-मोहब्बत हर बात दर्दे दिल की दवा
काश यूँ भी हो कि कह सके अब और न छिपाये बने!!"
किसी इश्क़ के हम-ओ-ख्याल थे हम भी कभी बा-कमाल
तेरी खुशबू मुझ पे एहसान-ए-हवा
गुफ्तगू-ए-मोहब्बत हर बात दर्दे दिल की दवा
काश यूँ भी हो कि कह सके अब और न छिपाये बने!!