वसुधा का प्रेम कैसे हो अंबर से भिन्न प्रकृति दोनों | हिंदी कविता Video

"वसुधा का प्रेम कैसे हो अंबर से भिन्न प्रकृति दोनों की जैसे परिकाष्ठा अद्वितीय प्रेम की न देखी कभी, न सुनी कहीं से वसुंधरा की पीड़ा पर कृंदन अनंत आसमान करें उपर से तपिश हरे पृथ्वी की हरपल अश्रु प्रवाहित करें नभ द्रुगों से रत्न गर्भा जननी जीवन की नभ समान आश्रय पिता से धारित्री है कठोर अचल व्योम है अति चंचल से मिलन हो इनका संभव हो कैसे छिपकर मिले क्षितिज रेखा से वसुधा का प्रेम कैसे हो अंबर से _mywords स्वाति...❣️"

वसुधा का प्रेम कैसे हो अंबर से भिन्न प्रकृति दोनों की जैसे परिकाष्ठा अद्वितीय प्रेम की न देखी कभी, न सुनी कहीं से वसुंधरा की पीड़ा पर कृंदन अनंत आसमान करें उपर से तपिश हरे पृथ्वी की हरपल अश्रु प्रवाहित करें नभ द्रुगों से रत्न गर्भा जननी जीवन की नभ समान आश्रय पिता से धारित्री है कठोर अचल व्योम है अति चंचल से मिलन हो इनका संभव हो कैसे छिपकर मिले क्षितिज रेखा से वसुधा का प्रेम कैसे हो अंबर से _mywords स्वाति...❣️

#वसुधा का प्रेम कैसे हो अंबर से#nojotohindi#mywords#nojotopoetry#lovepoetry

#LOVEGUITAR

People who shared love close

More like this

Trending Topic