चाँद का टुकड़ा आज चांद निकला हो ऐसे रात पूनम की हो | English Poetry

"चाँद का टुकड़ा आज चांद निकला हो ऐसे रात पूनम की हो जैसे आज चांद खिला हो जैसे रोशनी बिखेरे हो जैसे आज चांद खिला हो जैसे दूध में नहाई कोई परी हो जैसे आज चांद खिला हो जैसे जगमग खिला हो आकाश इससे आज चांद खिला हो जैसे ©ashish gupta"

 चाँद का टुकड़ा  आज चांद निकला हो ऐसे
रात पूनम की हो जैसे
आज चांद खिला हो जैसे

रोशनी बिखेरे हो जैसे
आज चांद खिला हो जैसे

दूध में नहाई कोई परी हो जैसे
आज चांद खिला हो जैसे

जगमग खिला हो आकाश इससे
आज चांद खिला हो जैसे

©ashish gupta

चाँद का टुकड़ा आज चांद निकला हो ऐसे रात पूनम की हो जैसे आज चांद खिला हो जैसे रोशनी बिखेरे हो जैसे आज चांद खिला हो जैसे दूध में नहाई कोई परी हो जैसे आज चांद खिला हो जैसे जगमग खिला हो आकाश इससे आज चांद खिला हो जैसे ©ashish gupta

#ChandKaTukda
आज चांद निकला हो ऐसे
रात पूनम की हो जैसे
आज चांद खिला हो जैसे

रोशनी बिखेरे हो जैसे
आज चांद खिला हो जैसे

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