तेरी दहलीज से हम खुद को उठाने वाले हैं
एक इंसान को घर वापस बुलाने वाले हैं
किससे साझा किया जाए तेरे न होने का गम
यहां कोई सुनता ही नहीं सब सुनाने वाले हैं
कोई इलाज़ नहीं होता दर्द -ऐ -इश्क का
मरहम के नाम पर ज़ख्म दुखाने वाले हैं
सिलसिला जारी है यहां मेहमानों के आने का
हम भी मुहाजिर हैं यारो यहां से जाने वाले हैं
©kulvinder
#Love