White कुछ तुम कहो कुछ हम कहें तो कुछ बात हो कभी न | हिंदी Love

"White कुछ तुम कहो कुछ हम कहें तो कुछ बात हो कभी निकल आओ ख्वाबों से तो मुलाकात हो सबके दिल में होता हैं कही एक कोना इश्क़ का कभी मिलो फुर्सत से तो कुछ इश्क़ वाली बात हो मेरी यादों में मुसलसल तू ही बसी हैं आज तक दफ़न दिल में किए हैं मैंने राज सारे आज तक वो एक लड़का था जो तुझपे मरा करता था कभी अपने भीतर छुपा रखा हैं उसको आज तक वो तेरी हर अदा पर गीत जो लिखता था कभी तेरी पायल की रुनझुन संगीत जो लिखता था कभी वो कलम आज भी रखी हैं उसने संभाल दरख़्त में जिससे तेरी हसीं मूरत को गढ़ता था कभी सुन आज भी वो बारिश की छम छम याद हैं कभी संग तेरे था जो गुजरा वो सावन याद हैं बहते हवा के झोंके जब लहराते थे आंचल तुम्हारा वो घिर कर मेघ कारे बनकर आना याद हैं यूं तो आए बहुत से लोग और फिर चले गए दुनियां के सारे रिश्ते नाते तुम्हारे बाद हैं वो जो झुमके खरीदें थे कभी मेले से मैने पहनाना हैं तेरे कानो में मुझको याद हैं अंकुर तिवारी . ©Ankur tiwari"

 White कुछ तुम कहो कुछ हम कहें तो कुछ बात हो 
कभी निकल आओ ख्वाबों से तो मुलाकात हो 
सबके दिल में होता हैं कही एक कोना इश्क़ का
कभी मिलो फुर्सत से तो कुछ इश्क़ वाली बात हो 
मेरी यादों में मुसलसल तू ही बसी हैं आज तक
दफ़न दिल में किए हैं मैंने राज सारे आज तक 
वो एक लड़का था जो तुझपे मरा करता था कभी 
अपने भीतर छुपा रखा हैं उसको आज तक 
वो तेरी हर अदा पर गीत जो लिखता था कभी
तेरी पायल की रुनझुन संगीत जो लिखता था कभी 
वो कलम आज भी रखी हैं उसने संभाल दरख़्त में 
जिससे तेरी हसीं मूरत को गढ़ता था कभी 
सुन आज भी वो बारिश की छम छम याद हैं 
कभी संग तेरे था जो गुजरा वो सावन याद हैं 
बहते हवा के झोंके जब लहराते थे आंचल तुम्हारा 
वो घिर कर मेघ कारे बनकर आना याद हैं 
यूं तो आए बहुत से लोग और फिर चले गए 
दुनियां के सारे रिश्ते नाते तुम्हारे बाद हैं 
वो जो झुमके खरीदें थे कभी मेले से मैने 
पहनाना हैं तेरे कानो में मुझको याद हैं
अंकुर तिवारी 













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©Ankur tiwari

White कुछ तुम कहो कुछ हम कहें तो कुछ बात हो कभी निकल आओ ख्वाबों से तो मुलाकात हो सबके दिल में होता हैं कही एक कोना इश्क़ का कभी मिलो फुर्सत से तो कुछ इश्क़ वाली बात हो मेरी यादों में मुसलसल तू ही बसी हैं आज तक दफ़न दिल में किए हैं मैंने राज सारे आज तक वो एक लड़का था जो तुझपे मरा करता था कभी अपने भीतर छुपा रखा हैं उसको आज तक वो तेरी हर अदा पर गीत जो लिखता था कभी तेरी पायल की रुनझुन संगीत जो लिखता था कभी वो कलम आज भी रखी हैं उसने संभाल दरख़्त में जिससे तेरी हसीं मूरत को गढ़ता था कभी सुन आज भी वो बारिश की छम छम याद हैं कभी संग तेरे था जो गुजरा वो सावन याद हैं बहते हवा के झोंके जब लहराते थे आंचल तुम्हारा वो घिर कर मेघ कारे बनकर आना याद हैं यूं तो आए बहुत से लोग और फिर चले गए दुनियां के सारे रिश्ते नाते तुम्हारे बाद हैं वो जो झुमके खरीदें थे कभी मेले से मैने पहनाना हैं तेरे कानो में मुझको याद हैं अंकुर तिवारी . ©Ankur tiwari

#Sad_shayri कुछ तुम कहो कुछ हम कहें तो कुछ बात हो
कभी निकल आओ ख्वाबों से तो मुलाकात हो
सबके दिल में होता हैं कही एक कोना इश्क़ का
कभी मिलो फुर्सत से तो कुछ इश्क़ वाली बात हो
मेरी यादों में मुसलसल तू ही बसी हैं आज तक
दफ़न दिल में किए हैं मैंने राज सारे आज तक
वो एक लड़का था जो तुझपे मरा करता था कभी
अपने भीतर छुपा रखा हैं उसको आज तक

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