""एक नर्म सुबह और बेचैन रात के बीच
जैसे हो एक सुकून भरी दोपहर कुछ ऐसा है #मेराशहर,
वो सुबह जागता है और सोता नहीं वो मुझे सुलाए बगैर कुछ इतना अपना सा मेरा दिल्ली शहर...
कुछ ऐसा है मेरा शहर""
"एक नर्म सुबह और बेचैन रात के बीच
जैसे हो एक सुकून भरी दोपहर कुछ ऐसा है #मेराशहर,
वो सुबह जागता है और सोता नहीं वो मुझे सुलाए बगैर कुछ इतना अपना सा मेरा दिल्ली शहर...
कुछ ऐसा है मेरा शहर"