White माता शत्रुः पिता वैरी येन बालो न पाठितः ! न | हिंदी Shayari

"White माता शत्रुः पिता वैरी येन बालो न पाठितः ! न शोभते सभामध्ये हंसमध्ये बको यथा जो माता – पिता अपने बच्चो को पढ़ाते नहीं है ऐसे माँ – बाप बच्चो के शत्रु के समान है. विद्वानों की सभा में अनपढ़ व्यक्ति कभी सम्मान नहीं पा सकता वह वहां हंसो के बीच एक बगुले की तरह होता है. ©संस्कृत भाषा ( शिक्षक ) Facebook pages"

 White माता शत्रुः पिता वैरी येन बालो न पाठितः !
न शोभते सभामध्ये हंसमध्ये बको यथा
जो माता – पिता अपने बच्चो को पढ़ाते नहीं है ऐसे माँ – बाप बच्चो के शत्रु के समान है. विद्वानों की सभा में अनपढ़ व्यक्ति कभी सम्मान नहीं पा सकता वह वहां हंसो के बीच एक बगुले की तरह होता है.

©संस्कृत भाषा ( शिक्षक ) Facebook pages

White माता शत्रुः पिता वैरी येन बालो न पाठितः ! न शोभते सभामध्ये हंसमध्ये बको यथा जो माता – पिता अपने बच्चो को पढ़ाते नहीं है ऐसे माँ – बाप बच्चो के शत्रु के समान है. विद्वानों की सभा में अनपढ़ व्यक्ति कभी सम्मान नहीं पा सकता वह वहां हंसो के बीच एक बगुले की तरह होता है. ©संस्कृत भाषा ( शिक्षक ) Facebook pages

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