White बदहाली में जो गुजरी सारी उम्र,,
गुमनामी में जो गुजारी सारी साल....
मैं भले ही उतार डालूं बेशक अपनी खाल,,
मालूम है मुझको तुम कभी ना पूछोगे मेरा हाल.....
विडंबना है कि,,
दिखावे को तो मैं कोई हिस्सा हूं,
पर क्या?
कहीं ना कोई, किसी भी चीज का मैं किस्सा हूं !!!
जागे हुए कि तो मुमकिन ही नहीं,
कभी सोते हुए भी ना आया है,ना आएगा ,,,,,
तुमको कभी भी मेरा ख्याल,,,....
जनता हूं ;:!:;,,...
तुम्हारे दिल की, मन की , भीतर की
हर बात, हर राज, हरेक सोच विचार,,,
पर तुम क्या जानो कि,,,
पागल है, बुद्धू है , मूर्ख है बावला है जो कि मैने,,,
कभी किया ना कोई सवाल!!!!
बदहाली की जो तुमने मेरी सारी उम्र,,
घूटन में जो चल रही मेरी सभी साल
देखना कभी मुझमें उमड़ेगा कोई भूकंप
और अंतर्मन की विवशता और जर्जता की लावा और ज्वाला से धधकेगा,
कोई भूचाल
लेकिन बाहर नहीं अंदर!!!!
©Rakesh frnds4ever
#बदहालीमेंजोगुजरीसारीउम्र,, #गुमनामी में जो गुजारी सारी साल....
मैं भले ही उतार डालूं बेशक अपनी #खाल , मालूम है मुझको तुम कभी ना पूछोगे #मेराहाल .....
विडंबना है कि,,
दिखावे को तो मैं कोई हिस्सा हूं,पर क्या? कहीं ना कोई, किसी भी चीज का मैं #किस्सा हूं !!!
जागे हुए कि तो मुमकिन ही नहीं, कभी सोते हुए भी ना आया है,ना आएगा ,,,,,
तुमको कभी भी मेरा #ख्याल ,,,....
जनता हूं ;:!:;,,...
तुम्हारे #दिल की, मन की , भीतर की हर बात, हर राज, हरेक सोच विचार,,,