लोग शब्दों को भी हथ्यार बना लेते हैं। एक बात की च | हिंदी विचार

"लोग शब्दों को भी हथ्यार बना लेते हैं। एक बात की चार बना लेते है। सोचते हैं चालाक बहुत। सच हैवान बहुत। dont trust anyone, we dont know for what perpuse they are talking ©Monika balli"

 लोग शब्दों को भी हथ्यार बना लेते हैं।

एक बात की चार बना लेते है।

सोचते हैं चालाक बहुत।

सच हैवान बहुत।

dont trust anyone, we dont know for what perpuse they are talking

©Monika balli

लोग शब्दों को भी हथ्यार बना लेते हैं। एक बात की चार बना लेते है। सोचते हैं चालाक बहुत। सच हैवान बहुत। dont trust anyone, we dont know for what perpuse they are talking ©Monika balli

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