शायद अब उसे मेरे आने का पैगाम नही मिलता,
इन सवाल भरी निगाहों को उन निगाहों से अब कोई जवाब नहीं मिलता।
वो कहते थे फरेब है दुनियादारी, रिश्ते नाते सभी,
शायद सच कहते थे...
एक ही शहर में होने के बाद भी,अब मुझे मेरा यार नहीं मिलता!
और झगड़े अक्सर बातों से सुलझ जाया करते हैं...
कि झगड़े अक्सर बातों से सुलझ जाया करते हैं,
इस जान लेती खामोशी का मुझे कोई इलाज़ नहीं मिलता।।
©Tamanna Negi
#mujhe_mera_yaar_nahi_milta