सावन में उफनती नदी का
सुन रहा हूँ शोर
मिडिया में भी है शोर कि
बह गयीं हैं
अभी अभी की बनी सड़कें
बह गयें हैं
अभी अभी के बने पूल
टपक रही है
नये नवेले संसद भवन
और अयोध्या में प्रभु राम के मंदिर का छत
बहुत शोर है
मगर कितना नपुंसक है कि
बदलाव का
एक पत्ता तक नहीं खड़कता
©Rabindra Prasad Sinha
#अ आ