जो मिला मुसाफिर वो रास्ते बदल डाले
कदम पे थी मंज़िल फैसले बदल डाले
आंसमां को छूने की कूंवते जो रखता था
आज है वो बिखरा सा, हौंसले बदल डाले
शान से में चलता था कोई शाह की तरह
गया हूं दर दर पे काफिले की तरह
फूल बनके वो हमको दे गया चुभन इतनी
कांटों से है दोस्ती अब आसरे बदल डाले
इश्क़ ही खुदा है सुनके थी आरज़ू आयी
खूब तुम खुदा निकले, वाक़िए बदल डाले। #NojotoVoice
#नोजोटो हिंदी#मेरी ज़िनदगी