White ग़ज़ल :-
स्वस्थ हों अब आप सब हर दिन यही फरियाद है ।
सोचकर बातें बुरी ये दिल बड़ा नाबाद है ।।
हर घड़ी मजबूरियाँ हैं खैरियत मिलती नही ।
आप बिन सुख चैन मेरा हो गया आजाद है ।।
कौन है मेरा तुम्हारा आज इस संसार में ।
आप हम में ईश हैं यह बात किसको याद है ।।
एक दिन ये मैं सभी को छोड़ देगा राह में ।
फिर बिलखकर आप कहना आज हम आबाद है ।।
कौन जग मे खुश रहा है दूर अपनों से भला ।
तोड़कर अपनो से रिश्ता हर कोई बरबाद है ।।
झूठ से है सख्त नफ़रत अपने हो या गैर हो ।
फिर भी देते आज अपने मुझको झूठी दाद है ।।
हर किसी के सामने झुकता नही है यह प्रखर ।
यह झुकाता शीश अपना जो यहाँ उस्ताद है ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर
©MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :-
स्वस्थ हों अब आप सब हर दिन यही फरियाद है ।
सोचकर बातें बुरी ये दिल बड़ा नाबाद है ।।
हर घड़ी मजबूरियाँ हैं खैरियत मिलती नही ।
आप बिन सुख चैन मेरा हो गया आजाद है ।।
कौन है मेरा तुम्हारा आज इस संसार में ।