White सच लेता है जब रूप विकराल,
झूठ के धरातल पर आ जाता है भूचाल।
देखो रे देखो सिस्टम का बुरा हाल,
लगा यू पी ई एस ई में सेंध,
ढोंगी बन ने चले कलेक्टर साब।
रोंद दिया लाखों उम्मीद वारो की उम्मीदों को,
कैसा मचा है ये भौकाल?
ना जाने कितनो ने सेंधबाज़ी कर के,
बनाया होगा अपना औहदा
विशाल।
भेड़िए जब ओड़ लें साधु की खाल,
वक़्त आया बदलाव लाने का फ़िलहाल।
मूक दर्शक ना बने रहें,
बुलंद करें अपने सवाल।
जागो जनता जागो,
त्राहिमाम मचा है,
विद्यार्थीयों की दुर्गति कब तक देखोगे,
कब रुकेगा ये बवाल।
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© Haniya kaur
©Haniya Kaur khiza
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