Vivek Vistar

Vivek Vistar Lives in Indergarh, Madhya Pradesh, India

टूट कर बिखरना बिखर कर एक हो जाना... इतना आसान नहीं है 'विवेक' हो जाना... ♦️💎♦️

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“उनके परों को खुलने दो, उन्हें हौसलों के दर्मियाॅं रहने दो. लड़कियों को देवी मत बनाओ, उन्हें बस लड़कियाॅं रहने दो.” ©Vivek Vistar

#शायरी #motavitonal #vivekvistar #topper #Women  “उनके परों को खुलने दो, उन्हें हौसलों के दर्मियाॅं रहने दो.
लड़कियों को देवी मत बनाओ, उन्हें बस लड़कियाॅं रहने दो.”

©Vivek Vistar

“उनके परों को खुलने दो उन्हें हौसलों के दर्मियाॅं रहने दो लड़कियों को देवी मत बनाओ उन्हें बस लड़कियाॅं रहने दो” #vivekvistar #Hindi #upsc #girls #topper #motavitonal #IAS #Study #Women

13 Love

वो बहकर जब निकलती है हिमालय–आशियाने से, उसी गंगा का होना, मन–इलाहाबाद करता है ©Vivek Vistar

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हिमालय–आशियाने से,

उसी गंगा का होना, 
मन–इलाहाबाद करता है

©Vivek Vistar

वो बहकर जब निकलती है हिमालय–आशियाने से उसी गंगा का होना, मन–इलाहाबाद करता है #Ganga #vivekvistar #gangashayari

16 Love

जगत हेतु मानवता के मानकों की पराकाष्ठा का प्रतीकशास्त्र निर्धारित करने वाले और उन मानकों की कसौटी पर स्वयं को कसने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम सियावर रामचंद्र के जन्मोत्सव श्रीराम नवमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं । ©Vivek Vistar

#पौराणिककथा #vivekvistar #ramnavmi #ramayan  जगत हेतु मानवता के मानकों की पराकाष्ठा का प्रतीकशास्त्र निर्धारित करने वाले और उन मानकों की कसौटी पर स्वयं को कसने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम सियावर रामचंद्र के जन्मोत्सव श्रीराम नवमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं ।

©Vivek Vistar

जगत हेतु मानवता के मानकों की पराकाष्ठा का प्रतीकशास्त्र निर्धारित करने वाले और उन मानकों की कसौटी पर स्वयं को कसने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम सियावर रामचंद्र के जन्मोत्सव श्रीराम नवमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं । #vivekvistar #ramnavmi #ramayan

13 Love

हर रंग तेरे ही गालों को तरसे जैसे नशा होशवालों को तरसे जब भूल जाए परिंदा उड़ानें तो आसमां छोड़ जालों को तरसे ये सोच के आज़ सजदा किया है आँखें न उसकी रूमालों को तरसे सब दोस्तों से बिछड़ना हुआ तो मोहन भी गोकुल के ग्वालों को तरसे होली पे तुमको टिकट ना मिली तो घर मां का चेहरा गुलालों को तरसे ©Vivek Vistar

#शायरी #holishayari #vivekvistar #Hindi #Holi  हर  रंग   तेरे   ही  गालों   को   तरसे
जैसे   नशा    होशवालों   को   तरसे

जब   भूल    जाए    परिंदा    उड़ानें
तो  आसमां  छोड़  जालों  को  तरसे

ये  सोच  के  आज़  सजदा  किया है
आँखें  न  उसकी  रूमालों  को तरसे

सब  दोस्तों   से  बिछड़ना   हुआ  तो
मोहन भी गोकुल के ग्वालों को तरसे

होली पे  तुमको  टिकट ना  मिली तो
घर  मां  का चेहरा  गुलालों  को  तरसे

©Vivek Vistar

हर रंग तेरे ही गालों को तरसे जैसे नशा होशवालों को तरसे जब भूल जाए परिंदा उड़ानें तो आसमां छोड़ जालों को तरसे ये सोच के आज़ सजदा किया है आँखें न उसकी रूमालों को तरसे

16 Love

शक्ति पर संयम की जय, निरंकुश पर नियम की जय, साधनों पर साधना की जय, क्रोध पर भावना की जय, अवरोध पर प्रतिरोध की जय, मानवता के प्रतिशोध की जय, अन्याय पर न्याय की जय, प्रयत्न के अध्याय की जय, आसक्ति पर अनुराग की जय, जनकसुता के त्याग की जय, अहित पर हित की जय, अनुचित पर उचित की जय, वंचक पर वंचित की जय, दशानन पर एकशीश की जय, बद्दुआओं पर आशीष की जय, अनेक पर एक की जय, बुद्धि पर विवेक की जय, अंधकार पर प्रकाश की जय, अहंकार पर विश्वास की जय, विकार पर संस्कार की जय, संकीर्ण पर विस्तार की जय, नियंत्रण पर अधिकार की जय, जानकी के इंतजार की जय, मर्यादा के अधिनाम की जय, सत्यता के संग्राम की जय, विराम पर आयाम की जय, रावण पर राम की जय...! ©Vivek Vistar

#vivekvistarshayari #Vijayadashmi #समाज #vivekvistar #ramayan  शक्ति पर संयम की जय,
निरंकुश पर नियम की जय,
साधनों पर साधना की जय,
क्रोध पर भावना की जय,
अवरोध पर प्रतिरोध की जय,
मानवता के प्रतिशोध की जय,
अन्याय पर न्याय की जय,
प्रयत्न के अध्याय की जय,
आसक्ति पर अनुराग की जय,
जनकसुता के त्याग की जय,
अहित पर हित की जय,
अनुचित पर उचित की जय,
वंचक पर वंचित की जय,
दशानन पर एकशीश की जय,
बद्दुआओं पर आशीष की जय,
अनेक पर एक की जय,
बुद्धि पर विवेक की जय,
अंधकार पर प्रकाश की जय,
अहंकार पर विश्वास की जय,
विकार पर संस्कार की जय,
संकीर्ण पर विस्तार की जय,
नियंत्रण पर अधिकार की जय,
जानकी के इंतजार की जय,
मर्यादा के अधिनाम की जय,
सत्यता के संग्राम की जय,
विराम पर आयाम की जय,
रावण पर राम की जय...!

©Vivek Vistar

विजयादशमी शक्ति पर संयम की जय, निरंकुश पर नियम की जय, साधनों पर साधना की जय, क्रोध पर भावना की जय, अवरोध पर प्रतिरोध की जय, मानवता के प्रतिशोध की जय, अन्याय पर न्याय की जय,

1 Love

कतरा - कतरा पानी का बरसाना होगा यानी बादल को भी कर्ज़ चुकाना होगा उसकी आंखों में खोया हूं सब कुछ अपना इश्क़ किया है अब इतना तो जुर्माना होगा मसला ये है मैं घर से खाली निकला था गम ये है अब घर फिर खाली जाना होगा लैला के ख़्वाब मरे हैं महलों में लेकिन मजनू को सड़कों पर पत्थर खाना होगा तुम ही बतलाओ कब तक दोगे साथ मिरा मुझको तो राहों में चलते जाना होगा यानी पल भर के लब छूने के बदले में सारी उम्र मुझे अब शेर सुनाना होगा ©Vivek Vistar

#vivekvistarshayari #शायरी #walkingalone #vivekvistar #yqbaba  कतरा - कतरा  पानी   का  बरसाना  होगा
यानी  बादल  को भी कर्ज़  चुकाना  होगा

उसकी आंखों में खोया हूं सब कुछ अपना
इश्क़ किया है अब इतना तो जुर्माना होगा

मसला ये  है  मैं घर  से खाली  निकला था
गम ये है अब  घर  फिर खाली जाना होगा

लैला  के  ख़्वाब  मरे  हैं  महलों  में लेकिन
मजनू  को  सड़कों  पर  पत्थर खाना होगा

तुम ही बतलाओ  कब तक दोगे साथ मिरा
मुझको  तो   राहों  में   चलते  जाना  होगा

यानी  पल  भर के  लब  छूने के  बदले  में 
सारी   उम्र  मुझे   अब  शेर  सुनाना  होगा

©Vivek Vistar

कतरा - कतरा पानी का बरसाना होगा यानी बादल को भी कर्ज़ चुकाना होगा उसकी आंखों में खोया हूं सब कुछ अपना इश्क़ किया है अब इतना तो जुर्माना होगा मसला ये है मैं घर से खाली निकला था गम ये है अब घर फिर खाली जाना होगा

6 Love

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