RUPESH KUMAR PANDEY,(poet/social activist)

RUPESH KUMAR PANDEY,(poet/social activist) Lives in New Delhi, Delhi, India

।। वो रूठ जाए,तो मनाना अच्छा लगता है,, माँ के सामने, हर कोई बच्चा लगता है।। (कवि/शायर) dob:-20/12/1995 founder and chairman of:- YUVA SANGHARSH FOUNDATION (NGO) BIHAR social activist

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White "वक्त वक्त की बात है बरना, कौन किसके साथ हैं?" ©RUPESH KUMAR PANDEY,(poet/social activist)

#good_morning_quotes #Quotes  White "वक्त वक्त की बात है
बरना, कौन किसके साथ हैं?"

©RUPESH KUMAR PANDEY,(poet/social activist)
#Quotes #RK  तुम कितना कमाते हो...........
यहीं आज की सच्चाई हैं..........
कोई नहीं देखता आज कल........
तुम्हारे अंदर कितनी अच्छाई  हैं.....

©RUPESH KUMAR PANDEY,(poet/social activist)

#RK ki diary

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कदम लड़खड़ाने लगे मेरे, किसी ने हाथ दे दिया.... बचपन का दोस्त था मेरा,आज फिर से साथ दे दिया.... ©RUPESH KUMAR PANDEY,(poet/social activist)

#फ्रेंडशिपडे  #FriendshipDay  कदम लड़खड़ाने लगे मेरे, किसी ने हाथ दे दिया....
बचपन का दोस्त था मेरा,आज फिर से साथ दे दिया....

©RUPESH KUMAR PANDEY,(poet/social activist)

बातों बातों में, यूं रूठा नहीं करते.. जो रिश्ते बन जाते हैं, वो छूटा नही करते ... और तुम जिस भरोसे की बात करती हो... वो बातों बातों में टूटा नहीं करते..... ©RUPESH KUMAR PANDEY,(poet/social activist)

 बातों बातों  में, यूं रूठा नहीं करते..
जो रिश्ते बन जाते हैं,  वो छूटा नही करते ...
और तुम जिस भरोसे की बात  करती हो...
वो बातों बातों में टूटा नहीं करते.....

©RUPESH KUMAR PANDEY,(poet/social activist)

###हमारी अधूरी कहानी RK

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।।"इतिहास हैं प्रचंड,अखंड मां भारती का मैं शृंगार हूं.. बुद्ध,महावीर संग, दिनकर का मैं विचार हूं.... मैं वहीं बिहार हूं, मैं वहीं बिहार हूं.... आदि गुरुग्रंथ ,सीता मां का संस्कार हूं... कुंवर,मांझी और हर युवा का ललकार हूं... मैं वही बिहार हूं, मैं वही बिहार हूं..."।। ।।मेरे कविता की कुछ पंक्तियां।। ©RUPESH KUMAR PANDEY,(poet/social activist)

#बिहार #Rose  ।।"इतिहास हैं प्रचंड,अखंड मां भारती का मैं शृंगार हूं..
बुद्ध,महावीर संग, दिनकर का मैं विचार हूं....
मैं वहीं  बिहार हूं, मैं वहीं  बिहार हूं....
 आदि गुरुग्रंथ ,सीता मां का संस्कार हूं...
कुंवर,मांझी और हर युवा का ललकार हूं...
मैं वही बिहार हूं, मैं वही बिहार हूं..."।।



।।मेरे कविता की कुछ पंक्तियां।।

©RUPESH KUMAR PANDEY,(poet/social activist)

#बिहार दिवस #Rose

12 Love

जिसे मरना हैं,मरता हैं क्या.... यूं जलाने से, कोई जलता हैं क्या.... ©RUPESH KUMAR PANDEY,(poet/social activist)

#holikadahan #RK  जिसे मरना हैं,मरता हैं क्या....
यूं जलाने से, कोई जलता हैं क्या....

©RUPESH KUMAR PANDEY,(poet/social activist)

#RK ki diary #holikadahan

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