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फरेब की दुनिया में इंसानियत तालाश रहा हूं।
विकल्प इंसानों की सोहबत बिगाड़ देती है।। ©Atul Kumar Ashish
Atul Kumar Ashish
15 Love
यूं कोई किसी को किसी से जुदा नहीं कर सकता, ऐसा काम करने वाला मेरा खुदा नही हो सकता।। ©Atul Kumar Ashish
13 Love
आंखों का बस यही पहचान होता है, आज का अपना कल अनजान होता है।। ©Atul Kumar Ashish
14 Love
हर वक्त खुदको नए कामों में उलझाया रखो सबों की तरह, वरना लकड़ी का सूखापन ही होता है सबब उसको जलाने में।। ©Atul Kumar Ashish
दिन में कोई और रात में कोई और होता है, इंसान के सपनो में कोई और हकीकत में कोई और होता है।। ©Atul Kumar Ashish
9 Love
अब मैं उसकी बेबसी उसके आंखों मे नही पढ़ पता हूं, जबसे उसकी शादी हुई तबसे वो आंखो मे जिम्मेदारी की काजल लगाने लगी है।। ©Atul Kumar Ashish
16 Love
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