Himanshu Kumar Sanatani

Himanshu Kumar Sanatani

मैं शब्द नही जज्बात लिखता हूँ दिल मे जो है वो हर बात मैं लिखता हूँ। 👉Love poetry 👉 shayari 👉own thought ❤️ se dilliwala hun...

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मेरा तुझसे ही प्यार हो जाना ये कोई इत्तेफाक तो नहीं था तूने झूठ बोला था न!मैं कैसे कह दूँ कि मुझे प्यार नहीं था। बदला वक़्त बदल गया तू,क्या तू इसका जिम्मेदार नहीं था हैं तो तू ही मेरे दिल,में भले तू जिंदगी का किरदार नहीं था। ©Himanshu Kumar Sanatani

#शायरी  मेरा तुझसे ही प्यार हो जाना ये कोई इत्तेफाक तो नहीं था
तूने झूठ बोला था न!मैं कैसे कह दूँ कि मुझे प्यार नहीं था।
बदला वक़्त बदल गया तू,क्या तू इसका जिम्मेदार नहीं था
हैं तो तू ही मेरे दिल,में भले तू जिंदगी का किरदार नहीं था।

©Himanshu Kumar Sanatani

मेरा तुझसे ही प्यार हो जाना ये कोई इत्तेफाक तो नहीं था तूने झूठ बोला था न!मैं कैसे कह दूँ कि मुझे प्यार नहीं था। बदला वक़्त बदल गया तू,क्या तू इसका जिम्मेदार नहीं था हैं तो तू ही मेरे दिल,में भले तू जिंदगी का किरदार नहीं था। ©Himanshu Kumar Sanatani

12 Love

हमें प्यार तुम्हारे चेहरे के प्रभाव से नहीं बल्कि तुम्हारे मन के स्वभाव से हुआ था। ©Himanshu Kumar Sanatani

#शायरी  हमें प्यार तुम्हारे चेहरे के प्रभाव से नहीं
बल्कि तुम्हारे मन के स्वभाव से हुआ था।

©Himanshu Kumar Sanatani

हमें प्यार तुम्हारे चेहरे के प्रभाव से नहीं बल्कि तुम्हारे मन के स्वभाव से हुआ था। ©Himanshu Kumar Sanatani

12 Love

सनातन धर्म नहीं सत्य का मार्ग हैं ये जिसका आदि हैं ना जिसका कोई अंत हैं "शाश्वत" जिसका मतलब सदा रहने वाला ज्ञान हैं ये ©Himanshu Kumar Sanatani

#न्यूज़ #kitaabein  सनातन धर्म नहीं सत्य का मार्ग हैं ये 
जिसका आदि हैं ना जिसका कोई अंत हैं
"शाश्वत" जिसका मतलब सदा रहने वाला ज्ञान हैं ये

©Himanshu Kumar Sanatani

#kitaabein

13 Love

नजरें झुका कर भी तुम खूबसूरत हो तो पलकें उठाने की जरूरत हैं क्या! कमी नहीं हैं तुम्हारे सीरत में भी तो ये यूँ सजने सवरने की जरूरत हैं क्या! तुम्हारी सूरत का श्रृंगार तुम्हारी सादगी हैं तो ये फ़िल्टर की जरुरत हैं क्या! अरे मुझे पता हैं कि तुम क्या हो फिर ये दुनियाँ को बताने की जरुरत हैं क्या! ©Himanshu Kumar Sanatani

#शायरी  नजरें झुका कर भी तुम खूबसूरत हो तो पलकें उठाने की जरूरत हैं क्या!
कमी नहीं हैं तुम्हारे सीरत में भी तो ये यूँ सजने सवरने की जरूरत हैं क्या!
तुम्हारी  सूरत का श्रृंगार तुम्हारी सादगी हैं तो ये फ़िल्टर की जरुरत हैं क्या!
अरे मुझे पता हैं कि तुम क्या हो फिर ये दुनियाँ को बताने की जरुरत हैं क्या!

©Himanshu Kumar Sanatani

नजरें झुका कर भी तुम खूबसूरत हो तो पलकें उठाने की जरूरत हैं क्या! कमी नहीं हैं तुम्हारे सीरत में भी तो ये यूँ सजने सवरने की जरूरत हैं क्या! तुम्हारी सूरत का श्रृंगार तुम्हारी सादगी हैं तो ये फ़िल्टर की जरुरत हैं क्या! अरे मुझे पता हैं कि तुम क्या हो फिर ये दुनियाँ को बताने की जरुरत हैं क्या! ©Himanshu Kumar Sanatani

12 Love

जिस प्रेम को हर बार प्रमाण देना पड़े वो प्रेम ही क्या जिसकी नीव ही भरोसा हो गर भरोसा ही टूट जाए तो क्या! ©Himanshu Kumar Ojha

#शायरी  जिस प्रेम को हर बार प्रमाण देना पड़े वो प्रेम ही क्या
जिसकी नीव ही भरोसा हो गर भरोसा ही टूट जाए तो क्या!

©Himanshu Kumar Ojha

जिस प्रेम को हर बार प्रमाण देना पड़े वो प्रेम ही क्या जिसकी नीव ही भरोसा हो गर भरोसा ही टूट जाए तो क्या! ©Himanshu Kumar Ojha

12 Love

#शायरी #humantouch  प्रेम में एक वजह से छोड़ जाने वाले आपको तो लाखों मिलेंगे
लेक़िन हजार वजह होते हुए भी रुकने वाला लाखो में एक ही मिलेगा।

©Himanshu Kumar Ojha

#humantouch

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