White थक जाती हूं मैं मां!
थक जाती हूं इस घरस्ती में मगर
फिर भी किसी से कुछ नहीं कहती हूं
समझे जो मुझे उसको अपने दिल का हाल
बता देती हूं, माना मैंने दिखावा करना नहीं आता
पर थक कर जब भी में पड़ती हूं तो
जोरों से रोना जरूर आजाता है मां!
बहुत याद आती हो तुम, मुझे
कैसे में खुद को संभालु मां,
नहीं हो पाता कभी कभी जब मुझसे
तेरी गोद याद आ जाती है मां।।
क्यों मुझे तूने पराए घर भेज कर
अपने से अलग कर दिया मां,
हर सुख दुख मै तेरे से तेरे पास बैठ कर जो
बट्टी थी मैं, वो बहुत याद आते है मां।।।
क्यों लड़कियों को शादी कर कर दूर जाना पढ़ता है मां
क्या हमे अपने मां बाप के साथ पूरी ज़िंदगी जीने का
हक नही है क्या मां।।
✓Ishitav
@poetrysoul_999
©Ishita Verma
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