मौत सामने खड़ी है हम अनजान बन रहे हैं
अपनी जिंदगी लगाकर दांव पर
हम कौन सा काम कर रहे हैं
क्या जाता है तेरा, तू भी सहयोग कर
मैदानों को छोड़कर, घर पर ही योग कर।
मिला है तुझको भी मौका
क्रांति में ज्वाला, घर से ही भरने का
देश के लिए कुछ करने का
देश के लिए कुछ करने का
इन सांसों में अभी थोड़ी जान बाकी है
इन शहरों में अभी थोड़े इंसान बाकी हैं
कोरोना तूने झुका दिया है अपने कदमों में शहरों को
तो आ देख कुचलता हुआ तुझे अपने कदमों में हिंदुस्तान अभी बाकी है
बंद है आंखे आंखो में नींद जाग रही है।
कई वर्षो से दौड़ रहा हूं
जिंदगी अब सुकून मांग रही है।
बचपन के दिन जहन में आ रहे है
मां के आंचल में सुकून के पल मांग रहे है ।
बंद है आंखे आंखो में नींद जाग रही है।
कई वर्षो से दौड़ रहा हूं
जिंदगी अब सुकून मांग रही है।
बचपन के दिन जहन में आ रहे है
मां के आंचल में सुकून के पल मांग रहे है ।
7 Love
मालूम था यह दिल टूटेगा।
फिर भी दिल लगाया था।
मालूम था तू साथ न देगा
फिर साथ निभाया था।
मालूम था तेरी फितरत मे है धोखा
फिर भी तुझको आजमाया था।
टूटे दिल से आवाज ना आई
क्योंकि आँखें बोल रही थी।
समझ गये ये धोखेबाजी
मासूमो का खेल नहीं है।
आजकल कि इस दुनिया मे
सच्चे दिल का मोल नही है।
मालूम था यह दिल टूटेगा।
फिर भी दिल लगाया था।
मालूम था तू साथ न देगा
फिर साथ निभाया था।
मालूम था तेरी फितरत मे है धोखा
फिर भी तुझको आजमाया था।
टूटे दिल से आवाज ना आई
क्योंकि आँखें बोल रही थी।
समझ गये ये धोखेबाजी
मासूमो का खेल नहीं है।
आजकल कि इस दुनिया मे
सच्चे दिल का मोल नही है।
11 Love
मेरे दिल में रहकर
मेरी धड़कने हि मुझे ना समझ सकी
उन साँसो का क्या
कसूर जोआती जाती रहती हैं।
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