Sanya Rai

Sanya Rai

Never try to copy just try to create

https://youtube.com/shorts/y_-7QA_q_34?si=qJ50hAPufXPEB7-k

  • Latest
  • Popular
  • Video

hindi poetry love poetry in hindi poetry on love poetry quotes poetry lovers

63 View

#shayeri #shayri #follow #Poet

#Nojoto #Love #shayeri #Poet #shayri #follow

90 View

#shayri #Shayar #nojato #gazal

#Love #loves #Shayar #poem #Poetry #gazal #shayri #Reels #nojato

108 View

#shayarilove #Instagram #Trending #Shayar #foryou

है निश्चित ये सबर का बांध, एक दिन टूट जाएगा। चोर वो मेरे दिल की धड़कनों, को लूट जाएगा। मोहब्बत के गुब्बारे को सनम, इतनी हवा ना दो, अधिक प्रेशर पड़ा तो ये ,बेचारा फुट जाएगा। सान्या राय

#poem  है निश्चित ये सबर का बांध, एक दिन टूट जाएगा।
चोर वो मेरे दिल की धड़कनों, को लूट जाएगा।
मोहब्बत के गुब्बारे को सनम, इतनी हवा ना दो,
अधिक प्रेशर पड़ा तो ये ,बेचारा फुट जाएगा।
सान्या राय

है निश्चित ये सबर का बांध, एक दिन टूट जाएगा। चोर वो मेरे दिल की धड़कनों, को लूट जाएगा। मोहब्बत के गुब्बारे को सनम, इतनी हवा ना दो, अधिक प्रेशर पड़ा तो ये ,बेचारा फुट जाएगा। सान्या राय

5 Love

जो आंखों में है गम, उसको छुपाना आ गया है। हमें भी बेवजह ही, मुस्कुराना आ गया है। कोई हीरा, कोई पत्थर, कोई है कांच जैसा, मेरी नजरों में अब, सारा जमाना आ गया है। जो बातें तीर की भांति, हैं दिल को भेद देती, वो बातें सच कहूं, तो भूल जाना आ गया है। जो बोया है उसी को ही, यहां पर काटते हैं, मेरी भी डायरी में ये फ़साना आ गया है। कहीं छूटा है वो बचपन, वो मेरा चुलबुलापन, कई राज़ों को अब दिल में, दबाना आ गया है। नहीं चाहिए कोई जिसको, मैं अपना गम बताऊं, मेरी कविता को मेरी पीर गाना आ गया है। सान्या राय

#poem  जो आंखों में है गम, उसको छुपाना आ गया है।
हमें भी बेवजह ही, मुस्कुराना आ गया है।
कोई हीरा, कोई पत्थर, कोई है कांच जैसा,
मेरी नजरों में अब, सारा जमाना आ गया है।
जो बातें तीर की भांति, हैं दिल को भेद देती,
वो बातें सच कहूं, तो भूल जाना आ गया है।
जो बोया है उसी को ही, यहां पर काटते हैं,
मेरी भी डायरी में ये फ़साना आ गया है।
कहीं छूटा है वो बचपन, वो मेरा चुलबुलापन,
कई राज़ों को अब दिल में, दबाना आ गया है।
नहीं चाहिए कोई जिसको, मैं अपना गम बताऊं,
मेरी कविता को मेरी पीर गाना आ गया है।
सान्या राय

जो आंखों में है गम, उसको छुपाना आ गया है। हमें भी बेवजह ही, मुस्कुराना आ गया है। कोई हीरा, कोई पत्थर, कोई है कांच जैसा, मेरी नजरों में अब, सारा जमाना आ गया है। जो बातें तीर की भांति, हैं दिल को भेद देती, वो बातें सच कहूं, तो भूल जाना आ गया है। जो बोया है उसी को ही, यहां पर काटते हैं, मेरी भी डायरी में ये फ़साना आ गया है। कहीं छूटा है वो बचपन, वो मेरा चुलबुलापन, कई राज़ों को अब दिल में, दबाना आ गया है। नहीं चाहिए कोई जिसको, मैं अपना गम बताऊं, मेरी कविता को मेरी पीर गाना आ गया है। सान्या राय

3 Love

Trending Topic