Naveen Mahajan

Naveen Mahajan Lives in Moradabad, Uttar Pradesh, India

लिखता तो पहले भी था मैं, पर लोगों को कब दिखता है? कविता जब कोई छप जाती है, तब कहते हैं - 'हाँ, लिखता है।'

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वो कविताएं जो लिखी थीं तुम पर, कभी नहीं थीं तुम्हारे लिए. तुम मुक्त हो कवियों की रचनाकार! ©Naveen Mahajan

#कविता  वो कविताएं 
जो लिखी थीं तुम पर,
कभी नहीं थीं तुम्हारे लिए.

तुम मुक्त हो 
कवियों की रचनाकार!

©Naveen Mahajan

वो कविताएं जो लिखी थीं तुम पर, कभी नहीं थीं तुम्हारे लिए. तुम मुक्त हो कवियों की रचनाकार! ©Naveen Mahajan

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वो कविताएं जो लिखी थीं तुम पर कभी नहीं थीं तुम्हारे लिए तुम मुक्त हो कवियों की रचनाकार! ©Naveen Mahajan

#कविता #Red  वो कविताएं 
जो लिखी थीं तुम पर 
कभी नहीं थीं तुम्हारे लिए 
तुम मुक्त हो 
कवियों की रचनाकार!

©Naveen Mahajan

#Red

16 Love

a-b-c-d की महफ़िल है अ-आ-इ भी आये हैं रंग-बिरंगी ओढ़ चुनरिया नम्बर संग इतराये हैं. GK Moral Computers सब देख रहे हैं मेरी ओर देखो-देखो SSt भी पीछे-पीछे लाये हैं. Drawing-Craft से भरपाई की क्या तरकीब निकाली है! पूछेंगे "Exam में उनके कितने नम्बर पाये हैं?" सरकारी एक Pledge रटवा के इतनी सारी उम्मीदें? बचपन अपना सीमित करके खरे उतरने आये हैं. ©Naveen Mahajan

#कविता #seemit_bachpan  a-b-c-d की महफ़िल है 
अ-आ-इ भी आये हैं 
रंग-बिरंगी ओढ़ चुनरिया 
नम्बर संग इतराये हैं.

GK Moral Computers सब 
देख रहे हैं मेरी ओर 
देखो-देखो SSt भी 
पीछे-पीछे लाये हैं. 

Drawing-Craft से भरपाई की 
क्या तरकीब निकाली है! 
पूछेंगे "Exam में उनके 
कितने नम्बर पाये हैं?" 
 
सरकारी एक Pledge रटवा के 
इतनी सारी उम्मीदें?
बचपन अपना सीमित करके 
खरे उतरने आये हैं.

©Naveen Mahajan

Eid Mubarak तुतलाती ईद आसमान में दिखीं सिवंइयां, आओ पकाएँ झटपट चाँद ईदगाह में ईदी पढ़कर, खूब नमाज़ें सबसे मांग नये-नये सब दोस्त पहनकर, सब कपड़ों को घर से खींच चलो मनाते हैं सब बच्चे, प्यारी-प्यारी, मीठी ईद। लेतिन अम्मी बात दलत है, इछता आखिल त्या मतलब है इतने लोज़ों ते बदले में, हम बच्चों तो ले हलते में एत छाल में एत ही ईद, तिछने चलाई ऐछी लीत? मेरे बच्चे, दांत हैं कच्चे, बात तुम्हारी बिल्कुल ठीक एक दिन जब तुम पल जाओगे, सांचे में जब ढल जाओगे सुंदर सी दुल्हन लाओगे फिर तुम्हारे भी आंगन में, तुतलाती नाचेगी ईद। Happy Eid from Kangrooz Playschool ©Naveen Mahajan

#Eidmubarak2021  Eid Mubarak  तुतलाती ईद 

आसमान में दिखीं सिवंइयां, आओ पकाएँ झटपट चाँद 
ईदगाह में ईदी पढ़कर, खूब नमाज़ें सबसे मांग 
नये-नये सब दोस्त पहनकर, सब कपड़ों को घर से खींच 
चलो मनाते हैं सब बच्चे, प्यारी-प्यारी, मीठी ईद।

लेतिन अम्मी बात दलत है, इछता आखिल त्या मतलब है 
इतने लोज़ों ते बदले में, हम बच्चों तो ले हलते में 
एत छाल में एत ही ईद, तिछने चलाई ऐछी लीत?

मेरे बच्चे, दांत हैं कच्चे, बात तुम्हारी बिल्कुल ठीक 
एक दिन जब तुम पल जाओगे, सांचे में जब ढल जाओगे 
सुंदर सी दुल्हन लाओगे
फिर तुम्हारे भी आंगन में, तुतलाती नाचेगी ईद।



Happy Eid from Kangrooz Playschool

©Naveen Mahajan

Eid Mubarak तुतलाती ईद आसमान में दिखीं सिवंइयां, आओ पकाएँ झटपट चाँद ईदगाह में ईदी पढ़कर, खूब नमाज़ें सबसे मांग नये-नये सब दोस्त पहनकर, सब कपड़ों को घर से खींच चलो मनाते हैं सब बच्चे, प्यारी-प्यारी, मीठी ईद। लेतिन अम्मी बात दलत है, इछता आखिल त्या मतलब है इतने लोज़ों ते बदले में, हम बच्चों तो ले हलते में एत छाल में एत ही ईद, तिछने चलाई ऐछी लीत? मेरे बच्चे, दांत हैं कच्चे, बात तुम्हारी बिल्कुल ठीक एक दिन जब तुम पल जाओगे, सांचे में जब ढल जाओगे सुंदर सी दुल्हन लाओगे फिर तुम्हारे भी आंगन में, तुतलाती नाचेगी ईद। ©Naveen Mahajan

#HappyEid  Eid Mubarak तुतलाती ईद 

आसमान में दिखीं सिवंइयां, आओ पकाएँ झटपट चाँद 
ईदगाह में ईदी पढ़कर, खूब नमाज़ें सबसे मांग 
नये-नये सब दोस्त पहनकर, सब कपड़ों को घर से खींच 
चलो मनाते हैं सब बच्चे, प्यारी-प्यारी, मीठी ईद।

लेतिन अम्मी बात दलत है, इछता आखिल त्या मतलब है 
इतने लोज़ों ते बदले में, हम बच्चों तो ले हलते में 
एत छाल में एत ही ईद, तिछने चलाई ऐछी लीत?

मेरे बच्चे, दांत हैं कच्चे, बात तुम्हारी बिल्कुल ठीक 
एक दिन जब तुम पल जाओगे, सांचे में जब ढल जाओगे 
सुंदर सी दुल्हन लाओगे
फिर तुम्हारे भी आंगन में, तुतलाती नाचेगी ईद।

©Naveen Mahajan

#HappyEid

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"बारिशें ये खास हैं" भाव बादल बन गये हैं, मन पे जैसे तन गये हैं आज फिर से मन है भीगा, बारिशें ये खास हैं। बारिशों में ख्वाहिशें हैं, हैं बहुत जो आम सी मन मगर कहता है फिर भी, ख्वाहिशें ये खास हैं। आज फिर से मन है भीगा, बारिशें ये खास हैं। मन की बातें बिजलियां बन, फिर से मन पे गिर रहीं मन मगर दरपन है मेरा, गिर के फिर-फिर फिर रहीं। गिरती-फिरती बिजलियां ये, बंदिशें स्वर-ताल की बारिशों संग झूमती सीं, बंदिशें ये खास हैं। आज फिर से मन है भीगा, बारिशें ये खास हैं। फिर हवाएं चल रही हैं, सर्द सांसें थामकर ये हवाएं पहुंचें तुझ तक, कुछ दिखाएं काम कर सर्द सांसें और हवाएं, लायी हैं फ़रमाइशें बारिशों में जो हैं पहुंचीं, फ़रमाइशें ये खास हैं। आज फिर से मन है भीगा, बारिशें ये खास हैं। बारिशों के बाद वाली, गन्ध मिट्टी से उठे फूल-भंवरे-तितलियां, मन की धरा पर आ मिले बंजरों में सावनों की, लगने लगीं नुमाइशें आज तक देखीं नहीं थीं, नुमाइशें ये खास हैं। आज फिर से मन है भीगा, बारिशें ये खास हैं। ©Naveen Mahajan

#शायरी #Flower  "बारिशें ये खास हैं" 

भाव बादल बन गये हैं, मन पे जैसे तन गये हैं 
आज फिर से मन है भीगा, बारिशें ये खास हैं। 
बारिशों में ख्वाहिशें हैं, हैं बहुत जो आम सी 
मन मगर कहता है फिर भी, ख्वाहिशें ये खास हैं। 
आज फिर से मन है भीगा, बारिशें ये खास हैं। 

मन की बातें बिजलियां बन, फिर से मन पे गिर रहीं 
मन मगर दरपन है मेरा, गिर के फिर-फिर फिर रहीं। 
गिरती-फिरती बिजलियां ये, बंदिशें स्वर-ताल की 
बारिशों संग झूमती सीं, बंदिशें ये खास हैं। 
आज फिर से मन है भीगा, बारिशें ये खास हैं। 

फिर हवाएं चल रही हैं, सर्द सांसें थामकर 
ये हवाएं पहुंचें तुझ तक, कुछ दिखाएं काम कर 
सर्द सांसें और हवाएं, लायी हैं फ़रमाइशें 
बारिशों में जो हैं पहुंचीं, फ़रमाइशें ये खास हैं। 
आज फिर से मन है भीगा, बारिशें ये खास हैं। 

बारिशों के बाद वाली, गन्ध मिट्टी से उठे 
फूल-भंवरे-तितलियां, मन की धरा पर आ मिले 
बंजरों में सावनों की, लगने लगीं नुमाइशें 
आज तक देखीं नहीं थीं, नुमाइशें ये खास हैं। 
आज फिर से मन है भीगा, बारिशें ये खास हैं।

©Naveen Mahajan

बारिशें ये खास हैं #Flower

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