इक उम्र गुज़ार दी हमनें
तेरे लौट आने के इंतज़ार में,
कैसे कहूं तुम्हें
ऐसा कोई दिन न हो
जो गुज़ारा न हो तेरी याद में,
हर वक़्त सोचता रहता हूँ
कि भूलूं कैसे तुम्हें
पर ऐसा लगता हैं तुम्हें भूल पाऊंगा
मेरी साँसें रुकने के ही बाद में...!!!
बचपन से लेकर आज तक
सब अच्छे काम किये,
पहली बार गलती हुई
जो तुझसे प्यार किया,
इस क़दर तेरे प्यार की
लत लगी हैं मुझे
कि तेरे जाने के बाद
तेरे प्यार के चाह में हमनें
ख़ुद की ही ज़िंदगी
खुद अपने हाथों से बर्बाद किया...!!!
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