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एक लड़का था दिवाना सा 👦 Follow me my Instagram id @i_m_arshe_alam_
White नया ज़ायक़ा है मज़ा मुख़्तलिफ़ है ग़ज़ल चख के देख इस दफ़ा मुख़्तलिफ़ है तुम अबतक मुनाफ़िक़ दिलों में रही हो मिरे दिल की आब-ओ-हवा मुख़्तलिफ़ है ©Arshe Alam
Arshe Alam
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White सुकूँ मिलता नहीं जब भी तो माँ की याद आती है कि जैसे बारिशों की रुत में छतरी याद आती है कहीं इस शहर की आब-ओ-हवा में दम न घुट जाए कि मुझको गाँव की सौंधी सी मिट्टी याद आती है तरक़्क़ी के शिखर पर जब पहुँचते हैं तो अक्सर ही वो ना-समझी में ज़ाया की जवानी याद आती है भला वो बाप हाथों के किसे छाले दिखाए अब जिसे घर बैठी इक बेटी सियानी याद आती है ©Arshe Alam
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जिंदगी में जब आपको कभी कोई मिलना चाहे तो आप उतना मिले जितना वो मिलना चाहे ©Arshe Alam
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हर इबादत से पहले हर इंतेहा के बाद, जात-ए-नबीﷺ बुलंद है जात-ए-खुदा के बाद, दुनिया में एहतराम के काबिल हैं जितने लोग, मैं सबको मानता हूं मगर मुस्तफाﷺके बाद… ©Arshe Alam
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जमीं पे यूं तो फ़रिश्ते भी आए है लेकिन नबी ﷺके जैसा कोई भी बसर नहीं आया . . ©Arshe Alam
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