तेरी सांस से सांस है जुड़ने लगी,
तुझे पाया .....मैं हूं उड़ने लगी,
एहसास है क्या, कुछ खास है क्या,
तेरी ओर ही हर पल मुड़ने लगी।
जागी -जागी सोई थी मैं,
जाने कबसे रोई थी मैं,
तुझे देखा तो .....यूं लगता है,
क्यूं अब तक यूं खोई थी मैं।
तुझे चाहूं या ना चाहूं मैं,
खुद को ही पढ़ ना पाऊं मैं,
दिल अब तो पास नहीं मेरे,
वो बोल..... कहां से लाऊं मैं।
मेरे जुड़ने से ना टूटे तू,
गर टूटे तो ना रूठे तू,
वादा कर तू ना रूठेगा,
तो बोल तेरी.... हो जाऊं मैं।
©Meghna Tiwari
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