White चिंता के बादल घनेरे छाए,
मन में हलचल, चैन न आए।
सोचें अनजानी राहें सारी,
दिल में उठती पीड़ा भारी।
छोटी बातों को बना लिया,
एक बड़ा तूफ़ान।
दूर खड़ी उम्मीदें सारी,
ख़ुद से हो गुमनाम।
पर यह चिंता तो क्षणिक है,
समझो इसका सार।
हर कठिनाई के बाद ही,
आता है सुहाना पार।
विश्वास की एक किरण जलाओ,
मन से डर को भगाओ।
चिंता के सारे जालों को,
मुस्कान से मिटाओ।
©Writer Mamta Ambedkar
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