Vikaash Hindwan

Vikaash Hindwan

अलमस्त

  • Latest
  • Popular
  • Video

पता है!सत्य क्या है, मृत्यु के पालने में सोता हुआ जीवन क्षणिक। सहजता को भूलता स्वांग में जीता चरित्र। खोजी मन की चाह किसको,कौन चाहता राह अपनी बनी बनाई पगडंडियों में चल रहा है आज का पथिक। क्या नया है जो सिर्फ तेरा जो सिर्फ तेरे ही मन की उपज है कुछ भी नही एक शब्द भी नही तू तो बस उधार किताबों की उपज है पता है!सत्य क्या, मृत्यु के पालने में सोता हुआ जीवन क्षणिक। ©Vikaash Hindwan

#विचार #cloud  पता है!सत्य क्या है,
मृत्यु के पालने में सोता हुआ जीवन क्षणिक।
सहजता को भूलता स्वांग में जीता चरित्र।
खोजी मन की चाह किसको,कौन चाहता राह अपनी
बनी बनाई पगडंडियों में चल रहा है आज का पथिक।
क्या नया है जो सिर्फ तेरा जो सिर्फ तेरे ही मन की उपज है
कुछ भी नही एक शब्द भी नही तू तो बस उधार किताबों की उपज है
पता है!सत्य क्या,
मृत्यु के पालने में सोता हुआ जीवन क्षणिक।

©Vikaash Hindwan

#cloud

6 Love

जब शहर सो जाएगा तो याद रखना, दो आँखे तेरी यादों में जग रही होंगी जब हर रिश्ता बेमानी हो जाएगा तो याद रखना दूर कहीं एक दिल में तेरे नाम की धड़कनें होंगी।। ©Vikaash Hindwan

 जब शहर सो जाएगा
तो याद रखना,
दो आँखे तेरी यादों में जग रही होंगी
जब हर रिश्ता बेमानी हो जाएगा
तो याद रखना
दूर कहीं एक दिल में तेरे नाम की धड़कनें होंगी।।

©Vikaash Hindwan

#लव #Memories #Love

8 Love

मौन के बोल काम के बोल बोल के बोल बेकाम के बोल खोजी मन अनंत संभावना विश्वासी मन सीमित संभावना कबीर के राम आत्मा के राम तुलसी के राम आस्था के राम ©Vikaash Hindwan

#विचार #thought #Nature  मौन के बोल
काम के बोल
बोल के बोल
बेकाम के बोल
खोजी मन अनंत संभावना
विश्वासी मन सीमित संभावना
कबीर के राम
आत्मा के राम
तुलसी के राम
आस्था के राम

©Vikaash Hindwan

आश्रित सुख दो कौड़ी का है और यदि आश्रित सुख ही चाहिए तो आश्रय श्री कृष्णा और राधा रानी जी का लीजिए।। जय राधा माधव ©Vikaash Hindwan

#विचार #Janamashtmi2020 #Krishna  आश्रित सुख दो कौड़ी का है और यदि आश्रित सुख ही चाहिए तो आश्रय श्री कृष्णा और राधा रानी जी का लीजिए।।
जय राधा माधव

©Vikaash Hindwan

अथाह प्रेम में डूबने के बाद कोई शिकायत नही रह जाती ©Vikaash Hindwan

#विचार #My_💓_line #Couple  अथाह प्रेम में डूबने के बाद कोई शिकायत नही रह जाती

©Vikaash Hindwan

सरल होना इतना सरल होता। तो बाज़ारों में मुखोटे नही मिलते।। अगर बात से बात बन जाती। तो तलवारों पर लहू के रंग नही चढ़ते। ©Vikaash Hindwan

#विचार #truelines  सरल होना इतना सरल होता।
तो बाज़ारों में मुखोटे नही मिलते।।
अगर बात से बात बन जाती।
तो तलवारों पर लहू के रंग नही चढ़ते।

©Vikaash Hindwan

#truelines

8 Love

Trending Topic