Dr Shefali Sharma

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मेरी मोहब्बत को किसी कुबूलियत की ज़रूरत नहीं कभी तुमनें भी शिद्दत से हमें चाहा था यही काफी है ©Dr Shefali Sharma

#शायरी #nojatoquotes #sad_poetry #nojohindi #nojato  मेरी मोहब्बत को किसी कुबूलियत की ज़रूरत नहीं
कभी तुमनें भी शिद्दत से हमें चाहा था यही काफी है

©Dr Shefali Sharma

हसीन ख़्वाब को टूटकर बिखरते देखा है मैंने अक्सर मुहब्बतों को बिछड़ते देखा है ©Dr Shefali Sharma

#शायरी #nojotoshayari #Nojoto2liner #nojotoLove  हसीन ख़्वाब को टूटकर बिखरते देखा है
मैंने अक्सर मुहब्बतों को बिछड़ते देखा है

©Dr Shefali Sharma

Dil Shayari कोई तबीब भी न कर सके शिफ़ा जिसका वो मर्ज़-ए-मोहब्बत दिल पे लिए बैठे हैं हम नुस्ख़ा-ए-मोहब्बत ढूंढें तो कोई इसका जरा मर्ज़-ए-इत्मीनान की ख़्वाईश लिए बैठे हैं हम ©Dr Shefali Sharma

#शायरी #notojohindi #notojolove  Dil Shayari  कोई तबीब भी न कर सके शिफ़ा जिसका
वो मर्ज़-ए-मोहब्बत दिल पे लिए बैठे हैं हम
नुस्ख़ा-ए-मोहब्बत ढूंढें तो कोई इसका जरा
मर्ज़-ए-इत्मीनान की ख़्वाईश लिए बैठे हैं हम

©Dr Shefali Sharma

तबीब-डॉक्टर मर्ज़ ए इत्मिनान-दर्द से राहत शिफ़ा-ईलाज कोई तबीब भी न कर सके शिफ़ा जिसका वो मर्ज़-ए-मोहब्बत लिए बैठे हैं हम.....#शायरी #notojolove #notojohindi

14 Love

कूचा-ए-यार में जाना अब मुनासिब नहीं था बेवज़ह उनसे मुक़ाबिल होना वाज़िब नहीं था बेरुख़ी तो उनकी सह लेते हम दुआओं की तरह सर-ए-महफ़िल उनका यूँ तोहमत लगाना लाज़िम नहीं था तल्ख़ लहजों से रूह को मज़रूह किया ज़ालिम ने क्यूँ इश्क़ तो उनको भी था हमसे हाँ मगर क़ामिल नहीं था ©Dr Shefali Sharma

 कूचा-ए-यार में जाना अब मुनासिब नहीं था
बेवज़ह उनसे मुक़ाबिल होना वाज़िब नहीं था

बेरुख़ी तो उनकी सह लेते हम दुआओं की तरह
सर-ए-महफ़िल उनका यूँ तोहमत लगाना लाज़िम नहीं था 

तल्ख़ लहजों से रूह को मज़रूह किया ज़ालिम ने क्यूँ
इश्क़ तो उनको भी था हमसे हाँ मगर क़ामिल नहीं था

©Dr Shefali Sharma

कूचा-ए-यार में जाना अब मुनासिब नहीं था....... मुक़ाबिल- आमने-सामने सर-ए-महफ़िल-भरी सभा में मज़रूह- घायल

12 Love

दौर-ए-फिराक हमनें अक्सर ऐसे गुज़ारे हैं करवटें बदली कभी सिलवटों के लिए सहारे हैं हिस्से अपने ना आ पाई रफ़ाक़त उनकी कभी अहसास-ए-लम्स अक्स उनका ज़हन में संवारें हैं रेग्ज़ार-ए-दिल को दरिया ना हासिल हो पाया कभी ज़ब्त-ए-गम अश्कों को ना फिर पलकों से उतारे हैं ©Dr Shefali Sharma

#nojotosadshayari #nojotoshayari  दौर-ए-फिराक हमनें अक्सर  ऐसे गुज़ारे हैं
करवटें बदली कभी सिलवटों के लिए  सहारे हैं

हिस्से अपने ना आ पाई रफ़ाक़त उनकी कभी
अहसास-ए-लम्स अक्स उनका ज़हन में संवारें हैं

रेग्ज़ार-ए-दिल को दरिया ना हासिल हो पाया कभी
ज़ब्त-ए-गम अश्कों को ना फिर पलकों से उतारे हैं

©Dr Shefali Sharma

दौर-ए-फिराक हमनें अक्सर ऐसे गुज़ारे हैं करवटें बदली कभी सिलवटों के लिए सहारे हैं....... दौर-ए-फिराक- time of separation जुदाई का वक्त रफ़ाक़त-companionship अहसास-ए-लम्स- sense of touch, छूने का अहसास रेग्ज़ार-ए-दिल-दिल का रेगिस्तान ज़ब्त-ए-गम-दुःख प्रकट ना करना

21 Love

तेरी आदतों से इस तरह वाकिफ़ है हम क़दम ज़मी पर भी रखते हो ग़र तो महसूस दिल को मेरे होता है तेरे वज़ूद से मेरा वज़ूद पैबस्त है इस कदर जरा सी आह भी निकले तेरी ग़र बेपनाह दर्द दिल को मेरे होता है ©Dr Shefali Sharma

#nojotopoetry #nojoto2021  तेरी आदतों से इस तरह वाकिफ़ है हम
क़दम ज़मी पर भी रखते हो ग़र
तो महसूस दिल को मेरे होता है
तेरे वज़ूद से मेरा वज़ूद पैबस्त है इस कदर
जरा सी आह भी निकले तेरी ग़र
 बेपनाह दर्द  दिल को मेरे होता है

©Dr Shefali Sharma

तेरी आदतों से इस तरह वाकिफ़ है हम क़दम ज़मी पर भी रखते हो ग़र तो महसूस दिल को मेरे होता है #Nojoto #nojoto2021 #nojotopoetry

27 Love

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