Lokendra Thakur

Lokendra Thakur Lives in Ujjain, Madhya Pradesh, India

लोकेंद्र की कलम से

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अंतः मन के सूने पन को कोई आशा हरियाली कर दे पीले सरसों का खलिहान गेहूं की सुनहरी बाली कर दे। कर दे सावन जैसा क्षण भाव बयार मतवाली कर दे झूला झूले अल्हड़ बचपन उम्र का बोझा खाली कर दे। कर दे तरल रूंधे कंठो को हृदय,राग मेघ मल्हारी कर दे अधर त्यागे मौन बंधो को हर शब्द-शब्द फुलवारी कर दे। कर दे पर्वत भी स्वप्नों को पर हिम्मत मेरी कुदाली कर दे विराम हो सब अंतः द्वंदो को आत्म शांति की बहाली कर दे कर दे तृष्णा को आमंत्रित कवित्व गंगा का पानी कर दे कंटको से हूं भला परिचित मुझे कविता का माली कर दे।। ©Lokendra Thakur

#लोकेंद्र_की_कलम_से #कविता  अंतः मन के सूने पन को
कोई आशा हरियाली कर दे
पीले सरसों का खलिहान
गेहूं की सुनहरी बाली कर दे।

कर दे सावन जैसा क्षण 
भाव बयार मतवाली कर दे
झूला झूले अल्हड़ बचपन
उम्र का बोझा खाली कर दे।

कर दे तरल रूंधे कंठो को
हृदय,राग मेघ मल्हारी कर दे 
अधर त्यागे मौन बंधो को
हर शब्द-शब्द फुलवारी कर दे।

कर दे पर्वत भी स्वप्नों को
पर हिम्मत मेरी कुदाली कर दे
विराम हो सब अंतः द्वंदो को
आत्म शांति की बहाली कर दे

कर दे तृष्णा को आमंत्रित
कवित्व गंगा का पानी कर दे
कंटको से हूं भला परिचित
मुझे कविता का माली कर दे।।

©Lokendra Thakur

पनघट सूना, हर तट सूना लौट गई प्यास, उलटे पांव रे पत्थर की तपती इमारते हैं खो गये कही मिट्टी के गांव रे ,,. प्रकृति का क्रंदन कर अनसुना विजय होता स्वार्थी मनु भाव रे नीम, पीपल का इनाम, कुदाली वाह मनी प्लांट का चाव रे........ आँगन बिछडे नुमाइश के मेले में मिट्टी में शेष जड़ों के कितने घाव रे आम, बरगद अब नही दुलारने को महंगी हो गई बहुत छांव रें......... मेघ भी राह भटक गये बूंद भूल गई बहाव रे बरखा की लुका छिपी से हताश है कई कागज की नाव रे...... पत्थर की तपती इमारते हैं खो गये कही मिट्टी के गांव रे ,,...... #लोकेंद्र_की_कलम_से ✍️ ©Lokendra Thakur

#लोकेंद्र_की_कलम_से #WorldEnvironmentDay #कविता  पनघट सूना, हर तट सूना
लौट गई प्यास, उलटे पांव रे
पत्थर की तपती इमारते हैं
खो गये कही मिट्टी के गांव रे ,,.

प्रकृति का क्रंदन कर अनसुना
विजय होता स्वार्थी मनु भाव रे
नीम, पीपल का इनाम, कुदाली
वाह मनी प्लांट का चाव रे........

आँगन बिछडे नुमाइश के मेले में 
मिट्टी में शेष जड़ों के कितने घाव रे
आम, बरगद अब नही दुलारने को
महंगी हो गई बहुत छांव रें.........

मेघ भी राह भटक गये
बूंद भूल गई बहाव रे
बरखा  की लुका छिपी से
हताश है कई कागज की नाव रे...... 
पत्थर की तपती इमारते हैं
खो गये कही मिट्टी के गांव रे ,,......
#लोकेंद्र_की_कलम_से ✍️

©Lokendra Thakur

मन में आ बसी हैं दुनियां कहीं खाली एक कोना है। मन के उसी कोने में ही अपनी दुनियां गढ़ना है। जग बना चौसर की भांति हम ही दाव पर लगाएं गए सभी को जीते, मन से हम सब मिल कर हमे हार गए हार जीत के इन प्रपंच मे जीवन द्यूत नहीं करना है मन में आ................. कब तक ढूंढे मन भी अब जग के यक्ष प्रश्नों के उत्तर जाता श्रेय शूलो को जब क्या बीतती है फूलों पर चंचल अल्हड़ मौजी मन को घोर अघोरी नही करना है मन में आ.................।। लोकेंद्र की कलम से ✍️ ©Lokendra Thakur

#लोकेंद्र_की_कलम_से #कविता  मन में आ बसी हैं दुनियां 
कहीं खाली एक कोना है। 
मन के उसी कोने में ही 
अपनी दुनियां गढ़ना है। 

जग बना चौसर की भांति 
हम ही दाव पर लगाएं गए 
सभी को जीते, मन से हम 
सब मिल कर हमे हार गए 

हार जीत के इन प्रपंच मे 
जीवन  द्यूत नहीं करना है 
मन में आ.................

कब तक ढूंढे मन भी अब
जग के यक्ष प्रश्नों के उत्तर
जाता श्रेय शूलो को जब
क्या बीतती है फूलों पर

चंचल अल्हड़ मौजी मन को 
घोर अघोरी नही करना है
मन में आ.................।।
लोकेंद्र की कलम से ✍️

©Lokendra Thakur

अंको की होड़ ना करना तुम ज्ञान का अर्जन करना उन्मुक्त गगन के बादलों पर स्वप्नों का सृजन करना ।। कई रास्ते हैं पर एक चुनना प्रेरणा लेना, प्रेरक बनना धैर्य रखना साहस परखना गिर जाओ तो मत घबराना फिर प्रयत्न से गर्जन करना अंको की....................। असफलता और चुनौतियां ये सीढ़ी है नही पनोतियां जितना इन्हें स्वीकार करोगे उतना इन पर वार करोगे आत्मविश्वास में वर्धन करना अंको की....................। ©Lokendra Thakur

#लोकेंद्र_की_कलम_से #कविता  अंको की होड़ ना करना
तुम ज्ञान का अर्जन करना
उन्मुक्त गगन के बादलों पर
स्वप्नों का सृजन करना ।।

कई रास्ते हैं पर एक चुनना
प्रेरणा लेना, प्रेरक बनना
धैर्य रखना साहस परखना 
गिर जाओ तो मत घबराना

फिर प्रयत्न से गर्जन करना
अंको की....................।

असफलता और चुनौतियां
ये सीढ़ी है नही पनोतियां 
जितना इन्हें स्वीकार करोगे
उतना इन पर वार करोगे 

आत्मविश्वास में वर्धन करना 
अंको की....................।

©Lokendra Thakur
#लोकेंद्र_की_कलम_से #कविता #Motivation #result  अंको की होड़ ना करना
तुम ज्ञान का अर्जन करना
उन्मुक्त गगन के बादलों पर
स्वप्नों का सृजन करना ।।

कई रास्ते हैं पर एक चुनना
प्रेरणा लेना, प्रेरक बनना
धैर्य रखना साहस परखना 
गिर जाओ तो मत घबराना

फिर प्रयत्न से गर्जन करना
अंको की....................।

असफलता और चुनौतियां
ये सीढ़ी है नही पनोतियां 
जितना इन्हें स्वीकार करोगे
उतना इन पर वार करोगे 

आत्मविश्वास में वर्धन करना 
अंको की....................।

©Lokendra Thakur

मुख पर प्रसन्नता, मन में प्रसन्नता, जीवन में सुखद अनुभूति हो पथ की समस्त बाधायें हटे , हर लक्ष्य की संभव पूर्ति हो वैभव मिले दसों दिशा से, दसों दिशा में अनुपम कीर्ति हो शुभ पर्व पर ईश्वर का ऐसा आशीर्वाद हो, आप दीर्घायु रहे,यशस्वी रहे, शुभता प्राप्त हो, लोकेंद्र की कलम से ✍️ ©Lokendra Thakur

#कविता  मुख पर प्रसन्नता, मन में प्रसन्नता,
जीवन में सुखद अनुभूति हो
पथ की समस्त बाधायें हटे ,
हर लक्ष्य की संभव पूर्ति हो
वैभव मिले दसों दिशा से,
दसों दिशा में अनुपम कीर्ति हो
शुभ पर्व पर ईश्वर का ऐसा आशीर्वाद हो,
आप दीर्घायु रहे,यशस्वी रहे, शुभता प्राप्त हो,
लोकेंद्र की कलम से ✍️

©Lokendra Thakur

मुख पर प्रसन्नता, मन में प्रसन्नता, जीवन में सुखद अनुभूति हो पथ की समस्त बाधायें हटे , हर लक्ष्य की संभव पूर्ति हो वैभव मिले दसों दिशा से, दसों दिशा में अनुपम कीर्ति हो शुभ पर्व पर ईश्वर का ऐसा आशीर्वाद हो, आप दीर्घायु रहे,यशस्वी रहे, शुभता प्राप्त हो, लोकेंद्र की कलम से ✍️ ©Lokendra Thakur

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