Ajay Dudhwal

Ajay Dudhwal Lives in Dehradun, Uttarakhand, India

instagram..... @ajaydudhwal7 शायर 🎂 15 Aug. 9729747124

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मेरे पास कुछ पुराना बचा हुआ है, तो उसमे बस तकिया बिस्तर बचा हुआ है। उस चारदिवारी में कई निशानियाँ थी मगर, तेरा सताया एक अश्क अब तक बचा हुआ है। खुदा के मरने पर भी आँखे नम ना हों, हिज्र में अश्कों के बाद सूखा पड़ा हुआ है। मैं इतना जिद्दी हो गया हूंँ की मत पूछ, तेरे जाने के बाद ये दिल बच्चा बना हुआ है। मैनें बाहर से खुद पर इतने जुल्म किए कि, मेरे अंदर का शख्स पागल बना हुआ है। किसी को मंजिल दिखे तो कोई इशारा कर देना, ये पागल मौत की खोज में लगा हुआ है।। ©Ajay Dudhwal

#शायरी #moonnight  मेरे पास कुछ पुराना बचा हुआ है,
तो उसमे बस तकिया बिस्तर बचा हुआ है। 

उस चारदिवारी में कई निशानियाँ थी मगर,
तेरा सताया एक अश्क अब तक बचा हुआ है। 

खुदा के मरने पर भी आँखे नम ना हों,
हिज्र में अश्कों के बाद सूखा पड़ा हुआ है। 

मैं इतना जिद्दी हो गया हूंँ की मत पूछ,
तेरे जाने के बाद ये दिल बच्चा बना हुआ है। 

मैनें बाहर से खुद पर इतने जुल्म किए कि,
मेरे अंदर का शख्स पागल बना हुआ है। 

किसी को मंजिल दिखे तो कोई इशारा कर देना,
ये पागल मौत की खोज में लगा हुआ है।।

©Ajay Dudhwal

#moonnight मेरे पास कुछ पुराना बचा हुआ है, तो उसमे बस तकिया बिस्तर बचा हुआ है। उस चारदिवारी में कई निशानियाँ थी मगर, तेरा सताया एक अश्क अब तक बचा हुआ है। खुदा के मरने पर भी आँखे नम ना हों, हिज्र में अश्कों के बाद सूखा पड़ा हुआ है।

14 Love

अब तो खुश होने से डर लगने लगा है, अपने ही साए से डर लगने लगा है, जिन गलियों ने बदनाम करने में कसर ना छोड़ी, अब उन गलियों में जाने से डर लगने लगा है, ये कच्ची उमर की गलती कि सजा है जो, नई लड़कियों कि नज़र से डर लगने लगा है, उस जवानी को उसने इस कदर लूटा कि अब, मेरे रास्ते पर गुज़रने वालों से डर लगने लगा है, दिन का उजाला आँख मूंदकर सन्नाटे में बदल लेता पर, अँधेरी रात में जुगनुओं से डर लगने लगा है, दुआ में माँगता हूंँ कि वो मुझसे पहले मर जाए, मुझे अपनी पुरानी दुआओं से डर लगने लगा है, मुझे डर है वो मेरी मज़ार को भी बदनाम कर देगा, यही एक डर है जो मौत से डर लगने लगा है।। ©Ajay Dudhwal

#शायरी #baarish  अब तो खुश होने से डर लगने लगा है,
अपने ही साए से डर लगने लगा है,

जिन गलियों ने बदनाम करने में कसर ना छोड़ी,
अब उन गलियों में जाने से डर लगने लगा है,

ये कच्ची उमर की गलती कि सजा है जो,
नई लड़कियों कि नज़र से डर लगने लगा है,

उस जवानी को उसने इस कदर लूटा कि अब,
मेरे रास्ते पर गुज़रने वालों से डर लगने लगा है,

दिन का उजाला आँख मूंदकर सन्नाटे में बदल लेता पर,
अँधेरी रात में जुगनुओं से डर लगने लगा है,

दुआ में माँगता हूंँ कि वो मुझसे पहले मर जाए,
मुझे अपनी पुरानी दुआओं से डर लगने लगा है,

मुझे डर है वो मेरी मज़ार को भी बदनाम कर देगा,
यही एक डर है जो मौत से डर लगने लगा है।।

©Ajay Dudhwal

आपने जैसा हमारे साथ किया, हमने वैसा आपके साथ किया। पहले नज़रों में बसा के रखा, फ़िर नज़रों से ओझल किया। जिन रास्तो से गुज़रते थे हम, अब उन रास्तो से जाना बंद किया। लाख बुराईयां रही होंगी मुझमे, तुमने अपनी अच्छाई से क्या किया। पहले सारी बातें मनवाई तुमने फ़िर उन्हीं बातों से बदनाम किया।। ©Ajay Dudhwal

#शायरी #brockenheart #lonely #Shayar #Heart  आपने जैसा हमारे साथ किया,
हमने वैसा आपके साथ किया। 

पहले नज़रों में बसा के रखा,
फ़िर नज़रों से ओझल किया। 

जिन रास्तो से गुज़रते थे हम,
अब उन रास्तो से जाना बंद किया। 

लाख बुराईयां रही होंगी मुझमे,
तुमने अपनी अच्छाई से क्या किया। 

पहले सारी बातें मनवाई तुमने
फ़िर उन्हीं बातों से बदनाम किया।।

©Ajay Dudhwal

आपने जैसा हमारे साथ किया, हमने वैसा आपके साथ किया। पहले नज़रों में बसा के रखा, फ़िर नज़रों से ओझल किया। जिन रास्तो से गुज़रते थे हम, अब उन रास्तो से जाना बंद किया।

13 Love

मैंने किस तरह जिंदगी तबाह की क्या बताऊँ, मोहब्बत शराब एक साथ पी क्या बताऊँ, समंदर भी शांत था बीच मजधार में किनारे पर पहुँचकर कश्ती डुबी क्या बताऊँ, उल्फ़त में खुद को बेहतर समझा था मगर, उसे मुझसे भी बेहतर मिल गया तो क्या बताऊँ, अगर मैं उसे छू लेता तो वो भी यहीं रुकता, पर मैंने उसे पलकों पर रखा तो क्या बताऊँ, ऐसा नहीं कि मुझपर उसने कोई हक नहीं रखा, ये हक उसने औरों पर भी रखा तो क्या बताऊँ।। ©Ajay Dudhwal

#शायरी #lonely  मैंने किस तरह जिंदगी तबाह की क्या बताऊँ,
मोहब्बत शराब एक साथ पी क्या बताऊँ,

समंदर भी शांत था बीच मजधार में
किनारे पर पहुँचकर कश्ती डुबी क्या बताऊँ,

उल्फ़त में खुद को बेहतर समझा था मगर,
उसे मुझसे भी बेहतर मिल गया तो क्या बताऊँ,

अगर मैं उसे छू लेता तो वो भी यहीं रुकता,
पर मैंने उसे पलकों पर रखा तो क्या बताऊँ,

ऐसा नहीं कि मुझपर उसने कोई हक नहीं रखा,
ये हक उसने औरों पर भी रखा तो क्या बताऊँ।।

©Ajay Dudhwal

मैंने किस तरह जिंदगी तबाह की क्या बताऊँ, मोहब्बत शराब एक साथ पी क्या बताऊँ, समंदर भी शांत था बीच मजधार में किनारे पर पहुँचकर कश्ती डुबी क्या बताऊँ, उल्फ़त में खुद को बेहतर समझा था मगर, उसे मुझसे भी बेहतर मिल गया तो क्या बताऊँ,

16 Love

मैं घर से तो निकल गया और कुछ भी नहीं किया, ता-उमर खुद से दूर रहा और गैरों से प्रेम किया। रास्ता कितना कठिन था कोई भला कैसे जानेगा, मैंने जो भी माँ से सिखा खुद के साथ वैसा किया। मैं अपने गाँव में होता तो मेरे भी आसूँ पोंछता कोई, अब भला शिकायते कैसी ये दुनिया जैसा करती है सबने वैसा किया। ऐसा नहीं कि काले दिन और लंबी रातें नहीं देखी मैंने, बाहर किसी ने हाथ नहीं थामा और गाँव में ज़िकर नहीं किया। वो भी कितने खास होंगे जिनके खातिर ये कलम चलती है, अब तक मैंने वही सब लिखा है जो आप ने मेरे साथ किया।। ©Ajay Dudhwal

#शायरी #wait  मैं घर से तो निकल गया और कुछ भी नहीं किया,
ता-उमर खुद से दूर रहा और गैरों से प्रेम किया। 

रास्ता कितना कठिन था कोई भला कैसे जानेगा,
मैंने जो भी माँ से सिखा खुद के साथ वैसा किया। 

मैं अपने गाँव में होता तो मेरे भी आसूँ पोंछता कोई,
अब भला शिकायते कैसी ये दुनिया जैसा करती है सबने वैसा किया। 

ऐसा नहीं कि काले दिन और लंबी रातें नहीं देखी मैंने,
बाहर किसी ने हाथ नहीं थामा और गाँव में ज़िकर नहीं किया। 

वो भी कितने खास होंगे जिनके खातिर ये कलम चलती है,
अब तक मैंने वही सब लिखा है जो आप ने मेरे साथ किया।।

©Ajay Dudhwal

#wait कुन्दन ( کندن ) Prabhat Srivastava ✍️(kahi mai sayar to nahi) @Priyanka Anuragi @Poetess Bhawna Mishra @PRATIK BHALA (pratik writes)

13 Love

जब मैं गुमनामी से खुदखुशी कर जाऊँगा, ये वही सज़ा है जो तेरी कैद में कर जाऊँगा। तूने खुले आसमा के सपने दिखाए मगर, तेरा रकीब के साथ उड़ना कैसे देख पाऊँगा। मैंने सोचा ही नहीं कि तुझमे अय्यारी छुपी है, तेरे ख़िलाफ़ उठने वाली आहट पर मर जाऊँगा। आईने के दरपेश होने पर तुझे तेरी बेवफ़ाई दिखती है, अगर ये सच है तो मैं तेरे दरपेश आईना बन जाऊंगा। सुना है मेरे होने के रंज से तू मुस्कुराता बहुत कम है, मुझे अपनी कैद से रिहा कर दे मैं तेरे सारे रंज ले जाऊंगा। मुझे जब अपनी कैद से रिहा करे तो कोई ख़ामोश गली देखना, वहाँ मेरे सारे सपने बिखेर देना मैं आता जाता ले जाऊँगा।। ©Ajay Dudhwal

#शायरी #City  जब मैं गुमनामी से खुदखुशी कर जाऊँगा,
ये वही सज़ा है जो तेरी कैद में कर जाऊँगा। 

तूने खुले आसमा के सपने दिखाए मगर,
तेरा रकीब के साथ उड़ना कैसे देख पाऊँगा। 

मैंने सोचा ही नहीं कि तुझमे अय्यारी छुपी है,
तेरे ख़िलाफ़ उठने वाली आहट पर मर जाऊँगा।

आईने के दरपेश होने पर तुझे तेरी बेवफ़ाई दिखती है,
अगर ये सच है तो मैं तेरे दरपेश आईना बन जाऊंगा। 

सुना है मेरे होने के रंज से तू मुस्कुराता बहुत कम है,
मुझे अपनी कैद से रिहा कर दे मैं तेरे सारे रंज ले जाऊंगा। 

मुझे जब अपनी कैद से रिहा करे तो कोई ख़ामोश गली देखना,
वहाँ मेरे सारे सपने बिखेर देना मैं आता जाता ले जाऊँगा।।

©Ajay Dudhwal

#City Ashraf Fani【असर】 @Kiran Tribhuvan LoVe YoU # @Firoz Akhtar Chotan Prabhat Srivastava ✍️(kahi mai sayar to nahi)

14 Love

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