हे! नारी तू महान है|
शत शत तुझे प्रणाम है ……||
फूलो सी कोमल होकर,
काँटो मे रह लेती हो …|
खामोशी होंठो पर रख,
कितना कुछ सह लेती हो…||
स्वाभिमान श्रन्गार तेरा
त्याग तेरी पहचान है ……|
हे! नारी तू महान है …………………||
माँ हो बेटी हो या हो भार्या,
तेरा हर रुप निराला है ……|
खुद मे खुद को खोने वाली,
तूने जग को पाला है ……||
कर्ज तुम्हारा हम पर,
जग ने माना एहसान है ……|
हे! नारी तू महान है ……………………||
नारी तुम नही हो अवला,
तुम सबल शक्ति ज्वाला हो ……|
झाँसी की रानी लक्ष्मी तुम ,
दुर्गा सी वीर वाला हो ……||
करे जो तेरा अपमान ,
वो मनुष्य पशु समान है……|
हे! नारी तू महान है ………………||
सागर से दिल मे तूने,
कितना दर्द समाया है ……|
जीवन सफल उसी का,
जिसने आशीष तेरा पाया है ……|
"अक्स" हमारा तुमसे ,
तुमसे हमारी शान है ……|
हे! नारी तू महान है ……|
शत शत तुझे प्रणाम है ………||
अक्षेश श्रीवास्तव "अक्स"
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