krishna singh chauhan

krishna singh chauhan Lives in Mainpuri, Uttar Pradesh, India

भूला नहीं हू तुझे बस. खुद को याद करने की कोशिश मे हू|

https://www.instagram.com/

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video

कोई मोहन का नाम रटे है तो कोई राधे राधे का जाप करे है , कोई बेसुध बेहाल है सखियों सा तो कोई जोगिन मीरा का भेष धरे है .. 🙏🙏- कृष्णा ©krishna singh chauhan

#जन्माष्टमी #राधेकृष्णा #कविता  कोई  मोहन का नाम रटे है 
तो कोई राधे राधे का जाप करे है ,
कोई बेसुध बेहाल है सखियों सा 
तो कोई जोगिन मीरा का भेष धरे है ..
                       🙏🙏- कृष्णा

©krishna singh chauhan

मेरे मन की बंद पडी खिडकियों पे पडे , तेरी यादों के पर्दे हटें तो ये जहां देखें .. -कृष्णा ©krishna singh chauhan

#पंक्तियाँ #शायरी #प्रेम #thought  मेरे मन की बंद पडी खिडकियों पे पडे ,
तेरी यादों के पर्दे हटें तो ये जहां देखें ..
                                        -कृष्णा

©krishna singh chauhan

मन के सरोवर के पास कहीं कैलास पे हैं वो विराजमान वो जटाधारी वो विषधारी वो शशिधारी वो ही मेरे त्रिपुरारी हैं | वो केदारनाथ वो सोमनाथ वो पशुपति वो ही मेरे एकनाथ हैं | वो महाकालेश्र वो आनीश्वर वो त्रिलोकेश्वर वो ही मेरे रामेश्वर हैं | वो भूदेव वो वाम देव वो देवों के देव वो ही मेरे महादेव हैं | वो भूतकाल वो भविष्यकाल वो कालों के काल वो ही मेरे महाकाल हैं | - कृष्णा ✍🙏 ©krishna singh chauhan

#महाकाल #कविता #शिव #Shiva  मन के सरोवर के पास कहीं 
कैलास पे हैं वो विराजमान 

वो जटाधारी वो विषधारी 
वो शशिधारी वो ही मेरे त्रिपुरारी हैं |

वो केदारनाथ वो सोमनाथ 
वो पशुपति वो ही मेरे एकनाथ हैं |

वो महाकालेश्र वो आनीश्वर 
वो त्रिलोकेश्वर वो ही मेरे रामेश्वर हैं |

वो  भूदेव  वो वाम देव 
वो देवों के देव वो ही मेरे महादेव हैं |

 वो भूतकाल वो भविष्यकाल 
वो कालों के काल वो ही मेरे महाकाल हैं |

                           - कृष्णा ✍🙏

©krishna singh chauhan

हमें प्रेम पुष्प सा नही चाहिऐ , कि कोई उसे तोड सके या उसके मुरझाने का डर हो या एक एक करके उसकी पत्तियां टूटने लग जाऐं , फिर उसका अस्तित्व ही न रहे , प्रेम कांटों सा ही सही है , जिसके न टूटने का डर है न मुरझाने का खौफ .. ©krishna singh chauhan

#प्रेम #कविता #तुम  हमें प्रेम पुष्प सा नही चाहिऐ ,
कि कोई उसे तोड सके 
या उसके मुरझाने का डर हो 
या एक एक करके उसकी
 पत्तियां टूटने लग जाऐं ,
फिर उसका अस्तित्व ही न रहे ,
प्रेम कांटों सा ही सही है ,
जिसके न टूटने का डर है 
न मुरझाने का खौफ ..

©krishna singh chauhan

https://www.instagram.com/ #प्रेम #तुम

9 Love

आंखो की बारिश से , बादलों की बारिश में , भीगना बेहतर है.. ©krishna singh chauhan

#कोट्स #raindrops  आंखो की बारिश से ,
बादलों की बारिश में ,
भीगना बेहतर है..

©krishna singh chauhan

https://www.instagram.com/ur_krishna1/ #raindrops

5 Love

मैं खुद को बेदर्द , तुझे हमदर्द लिख सकता हूं , अब बता इससे ज्यादा झूठ , मैं और क्या लिख सकता हूं ©krishna singh chauhan

#शायरी #झूठ #sangharsh  मैं खुद को बेदर्द ,
तुझे हमदर्द लिख सकता हूं ,
अब बता इससे ज्यादा झूठ ,
मैं और क्या लिख सकता हूं

©krishna singh chauhan
Trending Topic