Gulshan Kumar

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एक स्त्री सुंदर दिखाई पड़ती है। मगर कितनी देर सुंदर रहेगी? अगर मिल गई तो जल्दी ही साधारण हो जाएगी। दो-चार दिन सौंदर्य चलता है। चमड़ी कितने दिन आकर्षण में रखती है? सुंदर कार दिखाई पड़ गई, खरीद लिया। कितनी देर सुंदर रहेगी? दस-पांच दिन। खड़ी-खड़ी पोर्च में साधारण हो जाती है। हमने कितनी चीजों पर तो बैठकर देख लिया। गंध कितनी देर टिकती है? हम बैठे नहीं कि गंध गई नहीं। इस संसार में तो हम भंवरे की तरह हैं। और यहां हजार फूलों में कभी कोई एकाध फूल है जिसमें थोड़ी-बहुत गंध होती है। वह भी क्षणभंगुर होती है। वह भी टिकती नहीं। वह भी दूर से बड़ी लुभावनी, पास आने पर बिलकुल समाप्त हो जाती है। बड़ी मृगतृष्णा जैसी। ©Gulshan Kumar

#मोटिवेशनल #MountainPeak  एक स्त्री सुंदर दिखाई पड़ती है। 
मगर कितनी देर सुंदर रहेगी?
 अगर मिल गई तो जल्दी ही साधारण हो जाएगी। दो-चार दिन सौंदर्य चलता है। 
चमड़ी कितने दिन आकर्षण में रखती है?
 सुंदर कार दिखाई पड़ गई, खरीद लिया। कितनी देर सुंदर रहेगी? दस-पांच दिन। खड़ी-खड़ी पोर्च में साधारण हो जाती है। हमने कितनी चीजों पर तो बैठकर देख लिया। 
गंध कितनी देर टिकती है? हम बैठे नहीं कि गंध गई नहीं।
इस संसार में तो हम भंवरे की तरह हैं। 
और यहां हजार फूलों में कभी कोई एकाध फूल है जिसमें थोड़ी-बहुत गंध होती है। वह भी क्षणभंगुर होती है। वह भी टिकती नहीं। वह भी दूर से बड़ी लुभावनी, पास आने पर बिलकुल समाप्त हो जाती है। बड़ी मृगतृष्णा जैसी।

©Gulshan Kumar

#MountainPeak

15 Love

मैं जो कुछ हूँ वही कुछ हूँ जो जाहिर है वो बातिन है किसी झूठी अना से दिल को बहलाना नहीं आता ताल्लुक तोड़ता हूं तो मुकम्मल तोड़ देता हूं जिसे मैं छोड़ देता हूं उसे मैं छोड़ देता हूं यकीन रखता नहीं मैं किसी कच्चे ताल्लुक पर जो धागा टूटने वाला हो उसको तोड़ देता हूं ©Gulshan Kumar

#शायरी #stilllife  मैं जो कुछ हूँ वही कुछ हूँ 
जो जाहिर है वो बातिन है
किसी झूठी अना से दिल को बहलाना  नहीं आता 
ताल्लुक तोड़ता हूं तो मुकम्मल तोड़ देता हूं 

जिसे मैं छोड़ देता हूं उसे मैं छोड़ देता हूं 
यकीन रखता नहीं मैं किसी कच्चे ताल्लुक पर

जो धागा टूटने वाला हो
 उसको तोड़ देता हूं

©Gulshan Kumar

#stilllife

12 Love

!!!!!!!!!!!!! ©Gulshan Kumar

#शायरी  !!!!!!!!!!!!!

©Gulshan Kumar

!!!!!!!!!!!!! ©Gulshan Kumar

10 Love

ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा यारों की मोहब्बत का यक़ीं कर लिया मैं ने फूलों में छुपाया हुआ ख़ंजर नहीं देखा महबूब का घर हो कि बुज़ुर्गों की जमीनें जो छोड़ दिया फिर उसे मुड़ कर नहीं देखा ©Gulshan Kumar

#शायरी #happypromiseday  ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं 
तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा 

यारों की मोहब्बत का यक़ीं कर लिया मैं ने 
फूलों में छुपाया हुआ ख़ंजर नहीं देखा 

महबूब का घर हो कि बुज़ुर्गों की जमीनें 
जो छोड़ दिया फिर उसे मुड़ कर नहीं देखा

©Gulshan Kumar

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#विचार  .................

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#मोटिवेशनल  ...










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