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New चाहूँगा मैं तुझे हरदम Status, Photo, Video

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White मेरा मुस्कुराना , सिर्फ तुझे भाता है, उस मुस्कान को कायम रखना, सिर्फ तुझे आता है, एक ही जिंदगी है मेरी, कितनी बार तेरे नाम लिखू, जब भी कलम उठाती हूं, सिर्फ तेरा नाम आता है। ©Zajba_at @PrabhaShri

#love_shayari  White मेरा मुस्कुराना , सिर्फ तुझे भाता है,
उस मुस्कान को कायम रखना, सिर्फ तुझे आता है,
एक ही जिंदगी है मेरी, कितनी बार तेरे नाम लिखू,
जब भी कलम उठाती हूं, सिर्फ तेरा नाम आता है।

©Zajba_at
@PrabhaShri

सिर्फ तुझे आता है।।। #love_shayari

13 Love

#शायरी

भूल जाता हूँ मैं मंजिल का पता, जब घर से तुझे याद करके निकलता हूँ शायरी लव

99 View

इन सर्द रास्तों पर कहीं ठहरा हुआ हूँ मैं एक खौफनाक अंधेरा है पूरी शिद्दत से गिरफ्त में लिए मुझे रिमझिम बरसती बूंदे जिस्म से फिसलते हुए बहा ले जा रही है मेरे भीतर का कतरा कतरा दुख हथेलियों में समेट रहा हूँ बारिशें पर ये टिकती नहीं सर्द हवाएँ अंदर तक कुरेद रही है मुझे मैं बस ख़ामोश हूँ… इतना खामोश अपने अंदर के शोर को साफ साफ सुन पा रहा हूँ मैं … मैं तय कर लेना चाहता हूँ ये सफर मिटाना चाहता हूँ जिंदगी की पगडंडियों से गुजरती तुम्हारी यादें भूलना चाहता हूॅं तुम्हारी खनकती हँसी खुद को… यक़ीन दिलाना चाहता हूॅं तुम नहीं हो अब …. तुम नहीं हो ….नहीं हो तुम इन भीगी हुई हथेलियों के बीच गुनगुनी छुअन बन कर सुनसान सड़क पर रफ्तार से गुजरते शोर के दरमियाँ मेरे साथ नहीं हो तुम मेरी अँगुलियों से फिसलती बूंद सी तुम. ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  इन सर्द रास्तों पर
कहीं ठहरा हुआ हूँ मैं
एक खौफनाक अंधेरा है
पूरी शिद्दत से गिरफ्त में लिए मुझे
रिमझिम बरसती बूंदे जिस्म से फिसलते हुए
बहा ले जा रही है
मेरे भीतर का कतरा कतरा दुख
हथेलियों में समेट रहा हूँ
बारिशें पर ये टिकती नहीं
सर्द हवाएँ अंदर तक
कुरेद रही है मुझे
मैं बस ख़ामोश हूँ… इतना खामोश
अपने अंदर के शोर को
साफ साफ सुन पा रहा हूँ मैं …
मैं तय कर लेना चाहता हूँ ये सफर
मिटाना चाहता हूँ
जिंदगी की पगडंडियों से
गुजरती तुम्हारी यादें
भूलना चाहता हूॅं
तुम्हारी खनकती हँसी
खुद को…
यक़ीन दिलाना चाहता हूॅं
तुम नहीं हो अब ….
तुम नहीं हो ….नहीं हो तुम
इन भीगी हुई हथेलियों के बीच
गुनगुनी छुअन बन कर
सुनसान सड़क पर
रफ्तार से गुजरते शोर के दरमियाँ
मेरे साथ नहीं हो तुम
मेरी अँगुलियों से फिसलती बूंद सी तुम.

©हिमांशु Kulshreshtha

मैं...

3 Love

White मै ही रहा मन से दग्ध और देह से शापित दर्द उगता है दिल में तेरी यादों के जालों से घिरा रहता हूँ मैं अकुलाता उमड़ते ज्वार सा ©हिमांशु Kulshreshtha

 White मै ही रहा मन से दग्ध
और देह से शापित
दर्द उगता है दिल में
तेरी यादों के जालों से
घिरा रहता हूँ मैं
अकुलाता उमड़ते ज्वार सा

©हिमांशु Kulshreshtha

मैं....

17 Love

White थोड़ा मैं सोना चाहूँगा, स्वप्न बीज बोना चाहूँगा, उम्र क़ैद से मिली रिहाई, तेरा मैं होना चाहूँगा, काँधे पर सिर रखके पारो, जी भरकर रोना चाहूँगा, अंग संग होकर प्रेमी के, मैं ख़ुद को खोना चाहूँगा, महाकुंभ में पाप जहां का, गंगा में धोना चाहूँगा, नफ़रत की दीवार तोड़कर, दिल में इक कोना चाहूँगा, कजरारे नैनों का 'गुंजन', फिर जादू-टोना चाहूँगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#स्वप्न #कविता  White थोड़ा  मैं  सोना चाहूँगा, 
स्वप्न बीज बोना चाहूँगा,

उम्र क़ैद से मिली रिहाई, 
तेरा   मैं   होना  चाहूँगा,

काँधे पर सिर रखके पारो, 
जी भरकर  रोना चाहूँगा,

अंग संग होकर  प्रेमी के, 
मैं ख़ुद को खोना चाहूँगा,

महाकुंभ में पाप जहां का, 
गंगा   में   धोना   चाहूँगा,

नफ़रत की दीवार तोड़कर, 
दिल में इक कोना चाहूँगा,

कजरारे  नैनों का  'गुंजन',
फिर  जादू-टोना   चाहूँगा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#स्वप्न बीज बोना चाहूँगा#

9 Love

तुझे पहलीबार मैं मिलता हूँ... हर दफ़ा ❣️

1,197 View

White मेरा मुस्कुराना , सिर्फ तुझे भाता है, उस मुस्कान को कायम रखना, सिर्फ तुझे आता है, एक ही जिंदगी है मेरी, कितनी बार तेरे नाम लिखू, जब भी कलम उठाती हूं, सिर्फ तेरा नाम आता है। ©Zajba_at @PrabhaShri

#love_shayari  White मेरा मुस्कुराना , सिर्फ तुझे भाता है,
उस मुस्कान को कायम रखना, सिर्फ तुझे आता है,
एक ही जिंदगी है मेरी, कितनी बार तेरे नाम लिखू,
जब भी कलम उठाती हूं, सिर्फ तेरा नाम आता है।

©Zajba_at
@PrabhaShri

सिर्फ तुझे आता है।।। #love_shayari

13 Love

#शायरी

भूल जाता हूँ मैं मंजिल का पता, जब घर से तुझे याद करके निकलता हूँ शायरी लव

99 View

इन सर्द रास्तों पर कहीं ठहरा हुआ हूँ मैं एक खौफनाक अंधेरा है पूरी शिद्दत से गिरफ्त में लिए मुझे रिमझिम बरसती बूंदे जिस्म से फिसलते हुए बहा ले जा रही है मेरे भीतर का कतरा कतरा दुख हथेलियों में समेट रहा हूँ बारिशें पर ये टिकती नहीं सर्द हवाएँ अंदर तक कुरेद रही है मुझे मैं बस ख़ामोश हूँ… इतना खामोश अपने अंदर के शोर को साफ साफ सुन पा रहा हूँ मैं … मैं तय कर लेना चाहता हूँ ये सफर मिटाना चाहता हूँ जिंदगी की पगडंडियों से गुजरती तुम्हारी यादें भूलना चाहता हूॅं तुम्हारी खनकती हँसी खुद को… यक़ीन दिलाना चाहता हूॅं तुम नहीं हो अब …. तुम नहीं हो ….नहीं हो तुम इन भीगी हुई हथेलियों के बीच गुनगुनी छुअन बन कर सुनसान सड़क पर रफ्तार से गुजरते शोर के दरमियाँ मेरे साथ नहीं हो तुम मेरी अँगुलियों से फिसलती बूंद सी तुम. ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  इन सर्द रास्तों पर
कहीं ठहरा हुआ हूँ मैं
एक खौफनाक अंधेरा है
पूरी शिद्दत से गिरफ्त में लिए मुझे
रिमझिम बरसती बूंदे जिस्म से फिसलते हुए
बहा ले जा रही है
मेरे भीतर का कतरा कतरा दुख
हथेलियों में समेट रहा हूँ
बारिशें पर ये टिकती नहीं
सर्द हवाएँ अंदर तक
कुरेद रही है मुझे
मैं बस ख़ामोश हूँ… इतना खामोश
अपने अंदर के शोर को
साफ साफ सुन पा रहा हूँ मैं …
मैं तय कर लेना चाहता हूँ ये सफर
मिटाना चाहता हूँ
जिंदगी की पगडंडियों से
गुजरती तुम्हारी यादें
भूलना चाहता हूॅं
तुम्हारी खनकती हँसी
खुद को…
यक़ीन दिलाना चाहता हूॅं
तुम नहीं हो अब ….
तुम नहीं हो ….नहीं हो तुम
इन भीगी हुई हथेलियों के बीच
गुनगुनी छुअन बन कर
सुनसान सड़क पर
रफ्तार से गुजरते शोर के दरमियाँ
मेरे साथ नहीं हो तुम
मेरी अँगुलियों से फिसलती बूंद सी तुम.

©हिमांशु Kulshreshtha

मैं...

3 Love

White मै ही रहा मन से दग्ध और देह से शापित दर्द उगता है दिल में तेरी यादों के जालों से घिरा रहता हूँ मैं अकुलाता उमड़ते ज्वार सा ©हिमांशु Kulshreshtha

 White मै ही रहा मन से दग्ध
और देह से शापित
दर्द उगता है दिल में
तेरी यादों के जालों से
घिरा रहता हूँ मैं
अकुलाता उमड़ते ज्वार सा

©हिमांशु Kulshreshtha

मैं....

17 Love

White थोड़ा मैं सोना चाहूँगा, स्वप्न बीज बोना चाहूँगा, उम्र क़ैद से मिली रिहाई, तेरा मैं होना चाहूँगा, काँधे पर सिर रखके पारो, जी भरकर रोना चाहूँगा, अंग संग होकर प्रेमी के, मैं ख़ुद को खोना चाहूँगा, महाकुंभ में पाप जहां का, गंगा में धोना चाहूँगा, नफ़रत की दीवार तोड़कर, दिल में इक कोना चाहूँगा, कजरारे नैनों का 'गुंजन', फिर जादू-टोना चाहूँगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#स्वप्न #कविता  White थोड़ा  मैं  सोना चाहूँगा, 
स्वप्न बीज बोना चाहूँगा,

उम्र क़ैद से मिली रिहाई, 
तेरा   मैं   होना  चाहूँगा,

काँधे पर सिर रखके पारो, 
जी भरकर  रोना चाहूँगा,

अंग संग होकर  प्रेमी के, 
मैं ख़ुद को खोना चाहूँगा,

महाकुंभ में पाप जहां का, 
गंगा   में   धोना   चाहूँगा,

नफ़रत की दीवार तोड़कर, 
दिल में इक कोना चाहूँगा,

कजरारे  नैनों का  'गुंजन',
फिर  जादू-टोना   चाहूँगा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#स्वप्न बीज बोना चाहूँगा#

9 Love

तुझे पहलीबार मैं मिलता हूँ... हर दफ़ा ❣️

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