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New पुरुषांना पण व्यथा असतात Status, Photo, Video

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#कोट्स #मन

#मन की व्यथा @Ravi Ranjan Kumar Kausik @Sh@kila Niy@z @Kshitija लेख श्रृंखला @puja udeshi

279 View

गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर, खून बेचकर उसे चुकाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ.... सरकारें करती मनमानी ,  पीने का भी छीने पानी । कैसे जीते हैं हम निर्धन ,  कैसे तुमको व्यथा सुनाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... मैं ही एक नहीं हूँ निर्धन ,  आटा दाल न होता ईर्धन । जन-जन का मैं हाल सुनाऊँ ,  आओ चल कर तुम्हें दिखाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... शिक्षा भी व्यापार हुई है ,  महँगी सब्जी दाल हुई है आमद हो गई है आज चव्न्नी,  कैसे घर का खर्च चलाऊँ । आजादी का दिवस मनाऊँ... सभी स्वस्थ सेवाएं महँगी , जीवन की घटनाएं महँगी । आती मौत न जीवन को, फंदा अपने गले लगाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... ज्यादा हुआ दूध उत्पादन, बिन पशु के आ जाता आँगन । किसको दर्पण आज दिखाऊँ  दिल कहता शामिल हो जाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ..... आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ ।
कर्ज बैंक का सर के ऊपर, खून बेचकर उसे चुकाऊँ ।।
आजादी का दिवस मनाऊँ....

सरकारें करती मनमानी , 
पीने का भी छीने पानी ।
कैसे जीते हैं हम निर्धन ,
 कैसे तुमको व्यथा सुनाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

मैं ही एक नहीं हूँ निर्धन , 
आटा दाल न होता ईर्धन ।
जन-जन का मैं हाल सुनाऊँ , 
आओ चल कर तुम्हें दिखाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

शिक्षा भी व्यापार हुई है , 
महँगी सब्जी दाल हुई है
आमद हो गई है आज चव्न्नी, 
कैसे घर का खर्च चलाऊँ । आजादी का दिवस मनाऊँ...

सभी स्वस्थ सेवाएं महँगी ,
जीवन की घटनाएं महँगी ।
आती मौत न जीवन को,
फंदा अपने गले लगाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

ज्यादा हुआ दूध उत्पादन,
बिन पशु के आ जाता आँगन ।
किसको दर्पण आज दिखाऊँ 
दिल कहता शामिल हो जाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ.....
आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ ।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ ,  भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर,

14 Love

#मराठीकविता  मिळवणं सोप्पं असतं टिकवणं तिलकचं कठीण.

आवडणं सोप्पं असतं निवडणं तितकचं कठीण.

नाकाराणं सोप्पं असतं. स्विकारणं तितकचं कठीण.

बोलणं सोप्पं असतं आंगकारणं तितकचं कठीण.

तोडणं सोप्पं असतं जोडणं तितकचं कठीण.
 वैभव ठाकरे

©Vaibhav Thakre

मिळवणं सोपं असतं पण टिकवणे कठीण असतं

126 View

#SAD  White एक व्यथा सुनानी थी, 
अपना कोई बचा है क्या?

©Vandana Rana

एक व्यथा सुनानी थी, अपना कोई बचा है क्या?

135 View

#मराठीकविता #तुझावेडा

#तुझावेडा वेळ तुझ्यावर पण येणारं

99 View

#कॉमेडी

एक महिला की व्यथा

900 View

#कोट्स #मन

#मन की व्यथा @Ravi Ranjan Kumar Kausik @Sh@kila Niy@z @Kshitija लेख श्रृंखला @puja udeshi

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गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर, खून बेचकर उसे चुकाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ.... सरकारें करती मनमानी ,  पीने का भी छीने पानी । कैसे जीते हैं हम निर्धन ,  कैसे तुमको व्यथा सुनाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... मैं ही एक नहीं हूँ निर्धन ,  आटा दाल न होता ईर्धन । जन-जन का मैं हाल सुनाऊँ ,  आओ चल कर तुम्हें दिखाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... शिक्षा भी व्यापार हुई है ,  महँगी सब्जी दाल हुई है आमद हो गई है आज चव्न्नी,  कैसे घर का खर्च चलाऊँ । आजादी का दिवस मनाऊँ... सभी स्वस्थ सेवाएं महँगी , जीवन की घटनाएं महँगी । आती मौत न जीवन को, फंदा अपने गले लगाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... ज्यादा हुआ दूध उत्पादन, बिन पशु के आ जाता आँगन । किसको दर्पण आज दिखाऊँ  दिल कहता शामिल हो जाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ..... आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ ।
कर्ज बैंक का सर के ऊपर, खून बेचकर उसे चुकाऊँ ।।
आजादी का दिवस मनाऊँ....

सरकारें करती मनमानी , 
पीने का भी छीने पानी ।
कैसे जीते हैं हम निर्धन ,
 कैसे तुमको व्यथा सुनाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

मैं ही एक नहीं हूँ निर्धन , 
आटा दाल न होता ईर्धन ।
जन-जन का मैं हाल सुनाऊँ , 
आओ चल कर तुम्हें दिखाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

शिक्षा भी व्यापार हुई है , 
महँगी सब्जी दाल हुई है
आमद हो गई है आज चव्न्नी, 
कैसे घर का खर्च चलाऊँ । आजादी का दिवस मनाऊँ...

सभी स्वस्थ सेवाएं महँगी ,
जीवन की घटनाएं महँगी ।
आती मौत न जीवन को,
फंदा अपने गले लगाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

ज्यादा हुआ दूध उत्पादन,
बिन पशु के आ जाता आँगन ।
किसको दर्पण आज दिखाऊँ 
दिल कहता शामिल हो जाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ.....
आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ ।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ ,  भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर,

14 Love

#मराठीकविता  मिळवणं सोप्पं असतं टिकवणं तिलकचं कठीण.

आवडणं सोप्पं असतं निवडणं तितकचं कठीण.

नाकाराणं सोप्पं असतं. स्विकारणं तितकचं कठीण.

बोलणं सोप्पं असतं आंगकारणं तितकचं कठीण.

तोडणं सोप्पं असतं जोडणं तितकचं कठीण.
 वैभव ठाकरे

©Vaibhav Thakre

मिळवणं सोपं असतं पण टिकवणे कठीण असतं

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#SAD  White एक व्यथा सुनानी थी, 
अपना कोई बचा है क्या?

©Vandana Rana

एक व्यथा सुनानी थी, अपना कोई बचा है क्या?

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#मराठीकविता #तुझावेडा

#तुझावेडा वेळ तुझ्यावर पण येणारं

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एक महिला की व्यथा

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